Home Sports स्वामी प्रेमानंद महाराज से मिलने पहुंची भारतीय महिला क्रिकेट टीम, जानें क्या पूछे सवाल?

स्वामी प्रेमानंद महाराज से मिलने पहुंची भारतीय महिला क्रिकेट टीम, जानें क्या पूछे सवाल?

by Rashmi Rani
0 comment
स्वामी प्रेमानंद महाराज से मिलने पहुंची भारतीय महिला क्रिकेट टीम, जानें क्या पूछे सवाल?

Indian Cricket Women Team: भारतीय महिला क्रिकेट टीम महाराज प्रेमानंद से मिलकर उनका आशीर्वाद लिया, इस दौरान खिलाड़ियों ने महाराज से कई सवाल भी पूछे.

20 March, 2024

Indian Cricket Women Team: भारतीय महिला क्रिकेट टीम स्वामी प्रेमानंद महाराज से मिलने और आशीर्वाद लेने के लिए उनके धाम पहुंचे, यहां पर टीम इंडिया के प्लेयर्स ने महाराज से कई सवाल किए. महाराज प्रेमानंद से प्लेयर्स की मुलाकात के दौरान प्रेमानंद जी ने कहा कि जिसका आचरण पवित्र होता है और उत्साह हृदय में निरंतर होता है वो लौकिक और पारलौकिक किसी भी स्थिति की चरम सीमा तक जा सकता है. इसमें स्त्री और पुरुष का कोई मतभेद नहीं है, हमारे देश का सर्वोच्च पद राष्ट्रपति पर एक महिला ही विराजमान हैं. उन्होंने कहा कि हमारे गुण और क्षमता राष्ट्र के लिए समर्पित है. भारत का नाम आप लोगों के साथ जुड़ा है, अगर आप हारे तो भारत हारा है. महाराज ने भारतीय महिला क्रिकेट को दैविय शक्ति भी बताया.

जीवन उतार-चढ़ाव का दौरा है
उन्होंने कहा कि हमारी सृष्टि में जब कोई कार्य नहीं संभला तो भगवती अंबा ने अपना प्रकाशित किया, उस प्रतिकूल परिस्थिति को एक देवी ने संभाल लिया और आप लोग उसी दैविय शक्ति का रूप है. महाराज ने खिलाड़ियों से कहा कि अध्यात्म बल ही विश्व की हर परिस्थिति से विजय प्राप्त करवाता है. इस दौरान खिलाड़ियों ने महाराज से सवाल किया कि जब कोई चीज खराब हो जाती है तो हमारा मन बहुत दुखी हो जाता है, इसका जवाब देते हुए प्रेमानंद ने कहा कि हमेशा जिंदगी में सफलता नहीं मिलती है, यह जीवन है यहां पर उतार-चढ़ाव का दौर चलता रहता है और कभी पराजय होगी तो कभी विजय होगी, यह सृष्टि का क्रम है. इससे हमें कभी निराश नहीं होना चाहिए और समाज भी अकसर विजेताओं का ही साथ देता है. लेकिन हमें आध्यात्म पर बल देना चाहिए और निरंतर प्रयासरत रहना चाहिए.

एकलव्य ने अभ्यास कर तीरंदाजी में दिखाई अपनी कला
प्रेमानंद ने कहा कि संयम में बहुत बड़ी ताकत है, आज तक जिसने भी ऊंचाईयां छूई हैं, वह संयमी और अभ्यासी होगा. उन्होंने कहा कि एकलव्य ने ऐसा अभ्यास किया था कि जब एक कुत्ते ने मुंह खोला तो कहीं पर भी घाव नहीं किया और पूरा मुंह बाणों से भर दिया. उस वक्त अर्जुन ने कहा कि मैं सर्वश्रेष्ठ धनुधर हूं ऐसा अभ्यास तो मेरे से नहीं हो सकता है. तब अर्जुन ने एकलव्य से पूछा कि वीर तुम किसके शिष्य हो? तब एकलव्य ने कहा कि मैं द्रोणाचार्य का शिष्य हूं तब अर्जुन ने कहा कि उनका शिष्य तो मैं हूं. तुमने कब उनसे शिक्षा प्राप्त की? मिट्ठी की मूर्ति बनाकर उसकी पूजा करके वह इतना बड़ा धनुधर बन गया, इसलिए अभ्यास के द्वारा इस दुनिया में क्या कुछ नहीं कर सकते हैं.

यह भी पढ़ें : विराट कोहली IPL में दिखाएंगे अपने हेयरस्टाइल का जलवा, न्यू लुक देखकर हो जाएंगे हैरान

You may also like

Leave a Comment

Feature Posts

Newsletter

Subscribe my Newsletter for new blog posts, tips & new photos. Let's stay updated!

@2024 Live Times News. All Right Reserved.

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?
-
00:00
00:00
Update Required Flash plugin
-
00:00
00:00