महाराष्ट्र के एक पूर्व पुलिस अधिकारी पर बीड जिला पुलिस ने केस दर्ज किया है. उन पर आरोप है कि उन्होंने पिछले साल हुए विधान सभा चुनाव में ईवीएम पर झूठा दावा किया था.
Chhatrapati Sambhajinagar: बीड जिला पुलिस ने बर्खास्त इंस्पेक्टर रंजीत कलसे के खिलाफ FIR दर्ज किया है. उन पर आरोप है कि उन्होंने पिछले साल हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव और ईवीएम के बारे में झूठा बयान दिया था. एक पुलिस अधिकारी ने रविवार को बताया कि राज्य सरकार ने हाल ही में कासले को बर्खास्त कर दिया था, जिन्होंने पहले आरोप लगाया था कि उन्हें बीड सरपंच हत्या मामले में मुख्य संदिग्ध वाल्मिक कराड को मारने के लिए एक सुपारी की पेशकश की गई थी.
कासले के खिलाफ नवीनतम एफआईआर एक चुनाव अधिकारी की शिकायत पर दर्ज की गई है. एफआईआर के अनुसार, पिछले साल नवंबर में राज्य विधानसभा चुनाव के बाद बीड की परली विधानसभा सीट पर चुनाव कराने के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम), वीवीपीएटी और नियंत्रण इकाइयों को एक स्ट्रांग रूम में रखा गया था. 18 अप्रैल को चुनाव अधिकारी को एक वीडियो मिला, जिसमें कासले को यह दावा करते हुए देखा गया था कि उन्हें ईवीएम से दूर रहने और मशीनों में छेड़छाड़ होने पर चुप रहने के लिए 10 लाख रुपये का भुगतान किया गया था.
कासले ने वीडियो में आगे दावा किया कि चुनाव इसी तरह जीते जाते हैं. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि कानून की जानकारी होने के बावजूद कासले ने इस तरह का बयान दिया. एक अधिकारी ने बताया कि शिकायत के आधार पर बीड में परली सिटी पुलिस ने शनिवार को कासले के खिलाफ झूठा बयान देने, जानबूझकर कानूनी निर्देशों की अवहेलना करने और भ्रामक जानकारी प्रकाशित करने के आरोप में मामला दर्ज किया.
इससे पहले शुक्रवार को बीड में शिवाजी नगर पुलिस ने कासले को 2 अप्रैल को सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी पोस्ट करने के लिए अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत दर्ज एक मामले में गिरफ्तार किया था. कालसे ने यह भी सनसनीखेज दावा किया था कि मासजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के प्रमुख संदिग्ध वाल्मीक कराड को मारने के लिए उन्हें भारी रकम राशि की पेशकश की गई थी.
बीड जिले के मासजोग गांव के सरपंच देशमुख को पिछले साल 9 दिसंबर को कथित तौर पर एक ऊर्जा कंपनी को निशाना बनाकर की जा रही जबरन वसूली को रोकने की कोशिश करने पर अगवा कर लिया गया था और उन्हें प्रताड़ित कर मार डाला गया था. बर्खास्तगी से पहले कासले निलंबित थे और उनके खिलाफ प्रारंभिक जांच चल रही थी.
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