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मध्य प्रदेशः गांधी सागर अभयारण्य में प्रभाष और पावक को मिला नया घर, दक्षिण अफ्रीका से लाए गए थे दोनों चीते

by Sanjay Kumar Srivastava
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Cheeta Prabhas and Pavak

मध्य प्रदेश के गांधी सागर अभयारण्य में चीता प्रभाष और पावक को नया घर मिल गया. दोनों चीतों को मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गांधी सागर अभयारण्य में छोड़ा.

Bhopal: दो साल पहले कुनो नेशनल पार्क में स्थानांतरित किए गए दो दक्षिण अफ़्रीकी चीतों प्रभाष और पावक को रविवार को एक नया घर मिल गया, जब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने उन्हें गांधी सागर अभयारण्य में छोड़ा. मूल रूप से दक्षिण अफ़्रीका के वॉटरबर्ग बायोस्फीयर रिजर्व से फ़रवरी 2023 में कुनो नेशनल पार्क में लाए गए ये छह वर्षीय नर चीते सड़क यात्रा के बाद नीमच और मंदसौर ज़िलों में फैले गांधी सागर अभयारण्य में पहुंचे.

सीएम यादव ने रविवार शाम उन्हें बसीगांव खेमला स्थित अभयारण्य में छोड़ा. इस अवसर पर यादव ने कहा कि गांधी सागर में चीता पुनर्वास के मद्देनजर एक नया इतिहास लिखा गया है. प्रभास और पावक को छोड़ा गया. मैं राज्य और देश के लोगों को बधाई देना चाहता हूं. इससे पहले यादव ने इस बात पर प्रकाश डाला कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर 2022 में एशिया में चीतों को फिर से लाने के सफल प्रयास की अगुवाई की थी.

चीतों के लिए सबसे अनुकूल परिस्थितियां मध्य प्रदेश मेंः मोहन यादव

यादव ने कहा कि पीएम ने अपने जन्मदिन पर मध्य प्रदेश को चीता राज्य बनाया. चीतों को 17 सितंबर 2022 को कुनो नेशनल पार्क में लाया गया था. यादव ने कहा कि उस प्रयोग के कारण एशिया में विलुप्त प्रजाति चीता की वृद्धि पूरी दुनिया के लिए शोध का विषय है. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में चीतों की वृद्धि दर लगभग 80 प्रतिशत है. उन्होंने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि पूरे एशिया में चीतों की बहाली के लिए सबसे अनुकूल परिस्थितियां हमारे देश में मौजूद हैं, खासकर मध्य प्रदेश में.

सीएम ने कहा- मई महीने में बोत्सवाना से लाए जाएंगे चार और नए चीते

यादव ने कहा कि हमारा प्रोजेक्ट धीरे-धीरे चीतों की संख्या बढ़ाना है. हम मई महीने में बोत्सवाना से चार नए चीते लाएंगे. हम उन्हें यहां (गांधी सागर अभयारण्य) छोड़ने की कोशिश करेंगे, जिससे यहां चीतों की संख्या छह हो जाएगी. इससे पहले दिन में, दोनों चीतों को सड़क मार्ग से गांधी सागर अभयारण्य ले जाया गया, जो कुनो से 250 किलोमीटर दूर स्थित है, जहां बड़ी बिल्लियों का महत्वाकांक्षी अंतरमहाद्वीपीय स्थानांतरण लगभग तीन साल पहले शुरू किया गया था. फरवरी 2023 में बारह और चीतों को दक्षिण अफ्रीका से कुनो स्थानांतरित किया गया. वर्तमान में कुनो राष्ट्रीय उद्यान में 24 चीते हैं, जिनमें 14 भारत में जन्मे शावक शामिल हैं, जबकि दो को अब गांधी सागर अभयारण्य में स्थानांतरित कर दिया गया है.

ये भी पढ़ेंः ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ पर दिल्ली में भाजपा की बड़ी बैठक, किन मुद्दों पर होगी चर्चा?

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