हम आपको बताएंगे कुछ भारतीय मंदिरों के अनसुलझे रहस्यों के बारे में बताएंगे. इन मंदिरों के रहस्य जहां पर विज्ञान ख़त्म होता है, वहीं से शुरू होते हैं. आइए जानते हैं भारतीय मंदिरों के रहस्य.
21 March 2024
Mysterious temples in india: भारत इतिहास और रहस्य की भूमि है. यह कुछ ऐसे रहस्यों का घर है जिनका विज्ञान के पास कोई जवाब नहीं है. भारत में कई ऐसे मंदिर भी हैं जिनके डरावने और चौंकाने वाले रहस्य हैं. चलिए आज हम आपको बताएंगे भारत के कुछ ऐसे मंदिर जिनके कुछ चौंकाने वाले रहस्य हैं.
जगन्नाथ पुरी मंदिर
इस मंदिर के रहस्य विज्ञान और तर्क को झुठलाते हैं. पुरी के जगन्नाथ मंदिर के शिखर पर एक ध्वज है जो हवा की दिशा के विपरीत दिशा में लहराता है. इसके अलावा, एक चक्र है जिसे मंदिर के टॉप पर लगाया गया है और इसका वजन एक टन से अधिक है. वास्तुकारों के लिए इतने भारी चक्र को बिना किसी तकनीकी रूप से उन्नत मशीन के इतनी ऊंचाई पर रखना कैसे संभव हुआ? मंदिर के ठीक बाहर समुद्र तट हैं, हालाँकि, एक बार जब आप मंदिर के अंदर पहुँच जाते हैं, तो आप लहरों की आवाज़ नहीं सुन सकते. इससे भी अधिक रहस्यमय बात यह है कि कहा जाता है कि दिन के किसी भी समय मंदिर पर कोई छाया नहीं पड़ती, चाहे कितनी भी धूप क्यों न हो.
कामाख्या देवी मंदिर
रहस्यों की बात करें तो कामाख्या देवी मंदिर का जिक्र जरूरी है. यह मंदिर गुवाहाटी में है. यह देवी शक्ति को समर्पित है और नारीत्व और मासिक धर्म का जश्न मनाता है. ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर की देवी को हर साल मानसून के दौरान पीरियड होता है. जून में इस दौरान मंदिर बंद रहता है क्योंकि देवी का रक्तस्त्राव होता है और भूमिगत जल भंडार लाल हो जाता है. मंदिर में कोई मूर्ति नहीं बल्कि एक पत्थर के शेप की योनि है जिसकी भक्त पूजा करते हैं. खून के पीछे की थ्योरी, पत्थर के आकार की योनि से खून कैसे निकलता है, खून कहां से आता है, ये सब आज तक एक रहस्य बना हुआ है.
कैलासा मंदिर
औरंगाबाद के एलोरा गुफाओं में स्थित यह मंदिर भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक रहस्य है. ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर एक ही चट्टान को ऊपर से नीचे तक तराश कर बनाया गया है. ऐसी कई कहानियां हैं जो बताती हैं कि कैसे मुगल सम्राट औरंगज़ेब ने मंदिर को नष्ट करने का प्रयास किया और 1,000 से अधिक लोगों को जाकर इसे तोड़ने के लिए भेजा. तीन वर्षों तक कड़ी मेहनत करने के बाद, वे सिर झुकाए औरंगज़ेब के पास लौट आए क्योंकि मंदिर पर एक भी खरौंच नहीं आयी. ऐसा कैसे है कि एक मंदिर जो इतने समय पहले बनाया गया था, बुनियादी उपकरणों के साथ प्रभावित न कर सका? रहस्य को और बढ़ाने के लिए, मंदिर की दीवारों पर कई नक्काशी का अर्थ अभी भी समझा नहीं जा सका है.
Disclaimer: ये खबर सिर्फ आपको जागरूक करने के लिए लिखी गई है. इसका उपयोग करने से पूर्व विशेषज्ञ से जरूर सलाह लें.
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