Delhi Liquor Scam: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कथित शराब घोटाले मामले में ईडी ने गिरफ्तार कर लिया, जिसके बाद राजधानी की राजनीति गरमा गई है.
22 मार्च, 2024
Delhi Liquor Scam: दिल्ली में कथित तौर पर शराब नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया. उनको ईडी ने 2 घंटे की पूछताछ के बाद अरेस्ट किया है. इस दौरान सीएम आवास के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया था. वहीं, बीते हफ्ते ही तेलंगाना के पूर्व सीएम केसीआर की बेटी के. कविता को भी ईडी ने गिरफ्तार किया था.
मनीष सिसोदिया और संजय सिंह जा चुके हैं जेल
शराब नीति मामले में दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और राज्यसभा सांसद संजय सिंह पहले से ही जेल में हैं. मनीष सिसोदिया 26 फरवरी 2022 से जेल में हैं, जब शराब नीति लागू की गई थी, तब उनके पास ही आबकारी विभाग था. उन पर आरोप लगा था कि आबकारी मंत्री होने के नाते उन्होंने मनमाने और एकतरफा फैसला लिया था. जिसके कारण सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचा और कारोबारियों को फायदा हुआ.
मनीष सिसोदिया को मिला 32 करोड़ का चेक!
संजय सिंह पर आरोप लगा था कि उनसे दिनेश अरोड़ा ने मुलाकात की थी और संजय सिंह के कहने पर ही दिनेश ने पार्टी के लिए फंड जुटाया और 32 करोड़ रुपये का चेक मनीष सिसोदिया को सौंपा था. इसके बदले में संजय ने दिनेश अरोड़ा का एक्साइज डिपार्टमेंट से संबंधित मामला सुलझाया था. इस कड़ी को जोड़ते हुए ईडी ने राज्यसभा सांसद से पूछताछ करने के बाद गिरफ्तार कर लिया.
क्या है दिल्ली शराब घोटाला?
दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को एक्साइज पॉलिसी 2021-22 लागू की थी. नई पॉलिसी के तहत शराब के कारोबार से दिल्ली सरकार बाहर आ गई थी और इस कारोबार को निजी हाथों में सौंप दिया. इसके बाद अरविंद केजरीवाल सरकार का कहना था कि इस नई नीति लागू होने से माफिया राज खत्म होगा और सरकार की आय में भी वृद्धि होगी. वहीं, इस पॉलिसी के लागू होने से विवाद काफी बढ़ गया और विपक्ष ने भी भारी हंगामा किया था. इसके बाद 28 जुलाई, 2022 को सरकार ने नई शराब नीति को वापस ले लिया.
मुख्य सचिव की रिपोर्ट में हुआ था खुलासा
शराब घोटाले का मामला मीडिया की सुर्खियों में तब आया जब दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव नरेश कुमार की रिपोर्ट (8 जुलाई 2022) में खुलासा हुआ. इस रिपोर्ट में नरेश कुमार ने दिल्ली सरकार में शिक्षा मंत्री रहे मनीष सिसोदिया समेत AAP पर गंभीर आरोप लगाए थे. इसके बाद दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने केंद्र से सीबीआई जांच की मांग की थी. सीबीआई ने इस मामले में 17 अगस्त 2022 को केस दर्ज कर लिया और इसमें पैसों की हेराफेरी का आरोप लगने के बाद प्रवर्तन निदेशालय की भी एंट्री हो गई और एजेंसी ने इस मामले में केस दर्ज कर लिया.
144.36 करोड़ रुपये की लाइसेंस फीस माफ की गई
तत्कालीन मुख्य सचिव नरेश कुमार की तरफ से पेश की गई रिपोर्ट में दावा किया गया कि कोविड का बहाना बनाकर मनमाने तरीके से 144.36 करोड़ रुपये की लाइसेंस फीस माफ कर दी. वहीं, एयरपोर्ट लाइनों पर मौजूद लाइसेंसधारियों को भी 30 करोड़ रुपये लौटा दिए गए, जबकि रकम जब्त कर सरकारी खजाने में जाना था.