Patna High Court Verdict: पटना हाई कोर्ट ने आईपीसी के सेक्शन 498A के तहत पति पर लगे क्रूरता के आरोपों को निरस्त कर दिया और टिप्पणी की कि पत्नी को भी पिशाच और भूत कहना क्रूरता नहीं होगा.
30 March, 2024
Patna High Court Verdict : शादी के बाद पति-पत्नी के बीच अनबन एक सामान्य बात है. अक्सर दंपती के बीच झगड़ा भी होता है, लेकिन कई बार पति-पत्नी के बीच बिगड़ते रिश्तों की बात घर की चहारदीवारी से बाहर निकलकर कोर्ट तक चली जाती है. बिहार के एक मामले में पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) ने फैसला दिया है. इसके साथ ही टिप्पणी भी की है, जिसकी जमकर चर्चा हो रही है. दरअसल, पत्नी से तलाक ले चुके झारखंड के युवक की याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना हाई कोर्ट ने कहा कि पति-पत्नी का एक-दूसरे को भूत और पिशाच कहना क्रूरता नहीं है.
हाई कोर्ट ने पलटा नालंदा कोर्ट का फैसला
पूरा मामला झारखंड के शख्स से जुड़ा है. नरेश कुमार की शादी ज्योति के साथ 1 मार्च, 1993 को पूरे हिंंदू रीति-रिवाज के साथ हुई थी. पति-पत्नी में अनबन थी, इसलिए ज्योति के पिता कन्हैया लाल ने एक केस नरेश कुमार गुप्ता और उनके पिता सहदेव गुप्ता के खिलाफ दर्ज कराया. पति नरेश गुप्ता और ससुर सहदेव गुप्ता की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने जमानत दे दी. हाई कोर्ट ने जांच के दौरान पाया कि मेडिकल में कोई भी दस्तावेज नहीं मिला है, जिससे ऐसा साबित हो रहा है कि ज्योति को शारीरिक या फिर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया. इसके बाद पटना हाई कोर्ट ने नालंदा मजिस्ट्रियल कोर्ट के निर्णय को पूरा पलट कर रख दिया. इसके अलावा, नरेश गुप्ता और उनके पिता सहदेव गुप्ता को इस मामले में राहत मिल गई है.
पति-पत्नी करते हैं इस तरह की भाषा का इस्तेमाल
इससे पहले निचली कोर्ट में कोर्ट ने कहा था कि 21वीं सदी में भी पुरुष की तरफ से पत्नी को पिशाच और भूत कहना मेंटल टॉर्चर है. इस पर हाई कोर्ट ने कहा कि पति-पत्नी कई बार तरह-तरह की भाषा का इस्तेमाल करते हैं. कोर्ट ने अहम टिप्पणी में यह भी कहा कि हम क्रूरता के दायरे में नहीं आता है.
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