Rampur Lok Sabha Seat 2024: 50 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम वोटों वाली रामपुर की लोकसभा सीट पर 10 बार कांग्रेस के प्रत्याशी ने बाजी मारी है. जबकि भाजपा यहां से चार बार चुनाव जीती है.
03 April, 2024
Rampur Lok Sabha Seat 2024 : उत्तर प्रदेश की रामपुर लोकसभा सीट राजनीतिक रूप से कई मायनों में अहम मानी जाती रही है. कभी आजम खान का गढ़ माने जाने वाली इस सीट पर साल 2022 में बीजेपी ने अपना उम्मीदवार उतारकर चुनाव जीत लिया था. यहां पर 50 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम आबादी है और 17 लोकसभा चुनाव में 12 बार मुस्लिम कैंडिडेट ने बाजी मारी हैं और पांच बार हिंदू प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है. आजादी के बाद आम लोकसभा चुनाव (1952) में रामपुर सीट से भारत के पहले शिक्षा मंत्री अब्दुल कलाम आजाद ने जीत दर्ज की थी.
रामपुर सीट पर इन उम्मीदवारों ने मारी बाजी
1) मौलाना अबुल कलाम आज़ाद (1952) – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस.
2) एस. अहमद मेहदी (1957) – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस.
3) एस. अहमद मेहदी (1962) – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस.
4) जुल्फिकार अली खान (1967) – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस.
5) जुल्फिकार अली खान (1971) – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस.
6) राजेंद्र कुमार शर्मा (1977) – जनता पार्टी.
7) जुल्फिकार अली खान (1980) – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस.
8) जुल्फिकार अली खान (1984) – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस.
9) जुल्फिकार अली खान (1989) – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस.
10) राजेंद्र कुमार शर्मा (1991) – भारतीय जनता पार्टी.
11) बेगम नूर बानो (1996) – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस.
12) मुख्तार अब्बास नकवी (1998) – भारतीय जनता पार्टी.
13) बेगम नूर बानो (1999) – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस.
14) जया प्रदा (2004) – समाजवादी पार्टी.
15) जया प्रदा (2009) – समाजवादी पार्टी.
16) डॉ. नैपाल सिंह (2014) – भारतीय जनता पार्टी.
17) आज़म खान (2019) – समाजवादी पार्टी.
18) घनश्याम सिंह लोधी (2022) – भारतीय जनता पार्टी.
हिंदू प्रत्याशियों का पांच बार हुई जीत
रामपुर की सीट भाजपा के लिए काफी महत्वपूर्ण है, यहां से साल 2022 के उप चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार ने जीत दर्ज की थी. जबकि इससे पहली भाजपा ने तीन बार इस सीट पर जीत दर्ज की है. रामपुर में मुस्लिम आबादी 50 फीसदी से ज्यादा होने के बाद भी भाजपा उम्मीदवार घनश्याम लोधी ने अपना परचम लहराया था. इसके बाद से ही भारतीय जनता पार्टी की इस सीट पर निगाहें गढ़ी है कि अगर वह उप चुनाव जीत सकती है तो लोकसभा चुनाव 2024 में भी अपनी जीत दर्ज कर सकती है. बता दें कि रामपुर सीट से अभी तक पांच बार हिंदू प्रत्याशी जीते हैं. पहली बार 1977 के आम लोकसभा चुनाव में लोक दल के प्रत्याशी राजेंद्र कुमार शर्मा ने जीत दर्ज की थी. दूसरी बार साल 1991 में राम मंदिर की लहर में एक बार फिर राजेंद्र कुमार शर्मा चुनाव जीते थे. इसके बाद समाजवादी टिकट से 2004 और 2009 में जया प्रदा ने चुनाव जीता था. इसके बाद 2014 में मोदी लहर के चलते भाजपा उम्मीदवार डॉ. नेपाल सिंह ने चुनाव जीत लिया था.
2019 में 12वीं बार मुस्लिम कैंडिडेट ने जीत दर्ज की
साल 2019 में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार आजम खान और भाजपा प्रत्याशी जया प्रदा के बीच कड़ी टक्कर में आजम खान ने 1 लाख से ज्यादा मतों के अंतरों से जीत दर्ज की थी. जहां आजम खान को 559,177 वोट मिले और जया प्रदा को 449,180 मत पड़ा था. इसके साथ ही कुल मत 1,054,334 वोट पड़े थे. इस चुनाव कांग्रेस प्रत्याशी संजय कपूर को 35,009 मिले थे.
बीते 22 सालों में कांग्रेस का हाथ खाली
देश के पहले आम लोकसभा चुनाव 1952 से लेकर 1971 तक पांच बार लगातार कांग्रेस का प्रत्याशी ने जीत दर्ज की थी. कांग्रेस उम्मीदवार पहली बार आपातकाल (1977) के दौर में जनता पार्टी के प्रत्याशी को जीत दर्ज की थी. इसके बाद 1980 के चुनाव में नवाब खानदान से जुल्फीकार उर्फ मिक्की मियां कांग्रेस की सीट से पांच बार (1980, 1984, 1989, 1996 और 1999) जीत दर्ज की थी. हालांकि, इसके बाद रामपुर से कांग्रेस का कोई भी उम्मीदवार जीत दर्ज नहीं कर पाया.