Lok Sabha Election 2024 : भाजपा नेता अशोक नेते ने कहा कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं हैं. साथ ही मेरे खिलाफ भी कुछ बोलने के लिए नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर किसी प्रत्याशी को बदनाम करना है तो उस पर लगातार निशाना साधते रहो. लेकिन जनता इस बात को मानने वाली नहीं है क्योंकि पब्लिक को मालूम है कि मैंने 10 साल में क्या किया.
06 April, 2024
Lok Sabha Election 2024 : गढ़चिरौली-चिमूर की लोकसभा सीट साल 2008 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई और वर्ष 2009 में पहली बार यहां पर लोकसभा चुनाव हुआ. इस सीट पर पहली बार तीन बार के विधायक और कांग्रेस के कद्दावर नेता मारोत्राव एस. कावासे भारी अंतरों से जीतकर लोकसभा पहुंचे थे. यह सीट मुख्य रूप से आरक्षित (एसटी) रखी गई है. गडचिरोली-चिमूर पर अभी तक कांग्रेस एक बार और भाजपा का उम्मीदवार दो बार जीत दर्ज कर चुका है. इसी बीच अब कहा जा रहा है कि क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी तीसरी बार जीत की हैट्रिक लगा सकती है.
अशोक नेते ने की तीसरी बार जीतने की दावेदारी
गढ़चिरौली-चिमूर नरेन्द्र मोदी की लहर साल 2014 में मारोत्राव एस. कावासे को भाजपा के अशोक नेते ने हरा दिया था. वहीं वर्ष 2019 में नेते ने इस सीट से आसानी से जीत दर्ज कर ली थी. इस बार नेते का मुकाबला विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक के कांग्रेस उम्मीदवार नामदेव डी. क्रिसन और वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) के हितेश पी. मडावी के अलावा अखिल भारतीय भीम सेना (एबीबीएस) के बीच सीधा मुकाबला है. बता दें कि नेते के खिलाफ कांग्रेस व वीबीए की मजबूत दावेदारी के कारण उनका जीतना इतना आसान होता नहीं दिख रहा है.
विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं : भाजपा उम्मीदवार
भाजपा नेता अशोक नेते ने कहा कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं हैं. साथ ही मेरे खिलाफ भी कुछ बोलने के लिए नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर किसी प्रत्याशी को बदनाम करना है तो उस पर लगातार निशाना साधते रहो. लेकिन जनता इस बात को मानने वाली नहीं है क्योंकि पब्लिक को मालूम है कि मैंने 10 साल में क्या किया. ऐसे कई मुद्दे मैंने आपको बताए. लेकिन इसके अलावा छोटे-छोटे कई मुद्दे हैं जिसपर मैंने काम किया है. साथ ही अशोक नेते कांग्रेस उम्मीदवार के आरोपों को दरकिनार करते हुए उन्हें चुनौती दे रहे हैं. उनका कहना है कि वे अपने निर्वाचन क्षेत्र में 10 साल में किए गए विकास के कामों के आधार पर वोट मांगेंगे. वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग इलाके में अशोक नेते की तरफ से किए गए विकास के कामों से खुश हैं तो कई बेरोजगारी का मुद्दा जमकर उठा रहे हैं.
गढ़चिरौली नक्सल प्रभावित इलाका
गढ़चिरौली-चिमूर एक नक्सल प्रभावित इलाका होने की वजह से 2019 के लोकसभा चुनाव में मतदान तीन बजे ही खत्म हो गया था. इसके बावजूद इलाके में 71.98 प्रतिशत वोटिंग दर्ज की गई. इस बार भी प्रशासन बेहतर वोटिंग प्रतिशत सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है. आगामी लोकसभा चुनाव में वोटिंग के लिए गढ़चिरौली जिले में 948 बूथ बनाए गए हैं और इनमें से 428 मतदान केंद्र संवेदनशील हैं जिसके लिए जिला प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. अधिकारियों के मुताबिक भारतीय वायु सेना जिले में पोलिंग स्टेशनों तक ईवीएम और पोलिंग एजेंटों को ले जाने में मदद करेगी. महाराष्ट्र में 48 लोकसभा सीटों के लिए 19 अप्रैल से 20 मई के बीच पांच चरणों में वोट डाले जाएंगे, जहां गडचिरोली-चिमूर लोकसभा सीट पर 19 अप्रैल को वोटिंग होगी.
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