Lok Sabha Election 2024: पहले चरण में उत्तर प्रदेश की 8 सीटों पर चुनाव होने हैं. सहारनपुर, कैराना, मुज्जफनगर, बिजनौर, नगीना, मुरादाबाद, पीलीभीत और रामपुर में पहले फेस में मतदान होगा.
18 April, 2024
Lok Sabha Election 2024: पहले चरण में उत्तर प्रदेश की 8 सीटों पर चुनाव होने हैं. सहारनपुर, कैराना, मुज्जफनगर, बिजनौर, नगीना, मुरादाबाद, पीलीभीत और रामपुर में पहले फेस में मतदान होगा. राज्य के चर्चित सीटों में इन सभी को गीना जाता है. पीएम नरेन्द्र मोदी ने पश्चिमी यूपी का नरैटिव सेट कर दिया तो वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव अग्निवीर, किसान कानून, पेपर लीक और विपक्ष के नेताओं की गिरफ्तारी जैसे मुद्दों पर भाजपा को घेरने का काम कर रही है. हम आपको इन सीटों से जुड़ी कुछ खास बातें बताते हैं.
सहारनपुर लोकसभा सीट की खास बातें
उत्तर प्रदेश की सहारनपुर लोकसभा सीट राजनीति में काफी अहमियत रखती है. कभी इस सीट को कांग्रेस का गढ़ कहा जाता था, लेकिन 1984 के बाद से कांग्रेस का कोई भी उम्मीदवार यहां से जीत नहीं हासिल कर पाया. इस सीट से इस बार सपा-कांग्रेस गठबंधन से कांग्रेस उम्मीदवार इमरान मसूद को मैदान में उतारा गया है. जिनका मुकाबला बहुजन समाज पार्टी के माजिद अली और भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार राघव लखनपाल से है. वैसे तो इस सीट पर 10 उम्मीदवार के बीच मुकाबला है, लेकिन BJP, कांग्रेस और बीएसपी के बीच कड़ी टक्कर है.
सुर-ताल से जुड़ी यादें हो जाती हैं ताजा
कैराना लोकसभा सीट का नाम आते ही सुर-ताल से जुड़ी यादें ताजा हो जाती हैं. कैराना का राजनीति से भी गहरा नाता रहा है. इस सीट पर सभी की नजरें टीकी हुई है. BJP से मौजूदा सांसद प्रदीप चौधरी को मैदान में उतारा गया है. समाजवादी पार्टी ने इकरा हसन को टिकट दिया तो बसपा ने श्रीपाल सिंह को मौका दिया है. पिछले दो बार से BJP के सिर ही जीत का ताज सज रहा है. यह सीट जातीय समीकरण को लेकर सुर्खियों में रहती है. इस सीट पर मुस्लिम वोटर्स सबसे ज्यादा हैं. हालांकि जाटों की संख्या भी अच्छी खासी है.
मुजफ्फरनगर को पावर हाउस भी कहा जाता है
मुजफ्फरनगर को पश्चिम उप्र का पावर हाउस भी कहा जाता है. कांग्रेस और सपा गठबंधन में इस बार यह सीट सपा के पास गई है. BJP ने तीसरी बार केंद्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान को टिकट दिया है. सपा ने पूर्व सांसद हरेन्द्र मलिक तो बसपा ने दारा सिंह प्रजापति को मैदान में उतारा है. BJP ने रालोद से गठबंधन किया है. बता दें कि मुजफ्फरनगर सीट से कांग्रेस दूसरी बार चुनाव से बाहर हो गई है.
बिजनौर सीट पर कांग्रेस का रहा दबदबा
बिजनौर सीट उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण सीटों में से एक है. इस सीट पर शुरु से ही कांग्रेस का दबदबा रहा है. रालोद गठबंधन से चंदन चौहान, समाजवादी पार्टी से दीपक, बसपा से विजेंद्र सिंह, जय समता पार्टी से अब्दुल बारी, मजलूम समाज पार्टी से फरमान, पीपल्स पार्टी ऑफ इंडिया से राजपाल, मजदूर किसान यूनियन पार्टी से रामधन सिंह चुनावी मैदान में हैं.
नगीना लोकसभा सीट पर टिकी सबकी नजरें
पश्चिमी उत्तर प्रदेश की नगीना लोकसभा सीट पर इस बार सबकी नजरें टिकी हुई है, क्योंकि इस बार युवा दलित नेता चंद्रशेखर आज़ाद चुनावी मैदान में हैं. चंद्रशेखर अपनी आज़ाद समाज पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं. BJP ने नहटौर विधायक ओम कुमार को मैदान में उतारा है तो इंडिया गठबंधन की ओर से पूर्व जज मनोज कुमार को टिकट दिया गया है. बहुजन समाज पार्टी की ओर से सुरेंद्र पाल प्रत्याशी हैं. इस सीट पर लगभग 16 लाख मतदाता हैं, जिसमें से 46 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता हैं जबकि 21 प्रतिशत दलित मतदाता हैं.
पीतलनगरी के नाम से मशहूर मुरादाबाद
मुरादाबाद लोकसभा सीट पीतलनगरी के नाम से मशहूर है. इस सीट पर किसी एक दल का वर्चस्व कायम नहीं रहा है. इस बार BJP ने सर्वेश सिंह को टिकट दिया है. सपा से रुचि वीरा, बसपा से मो. इरफान , भारतीय बहुजन समता पार्टी से ओंकार सिंह मैदान में हैं.
पीलीभीत साख का सवाल बना हुआ
पीलीभीत लोकसभा चुनाव इस बार सबसे खास है क्योंकि इंडिया गठबंधन और NDA गठबंधन दोनों के लिए साख का सवाल बना हुआ है. BJP ने जितिन प्रसाद को मैदान में उतारा है तो सपा की तरफ से भगवत शरण गंगवार को टिकट दिया गया है. बहुजन समाज पार्टी ने बीसलपुर निवासी पूर्व मंत्री अनीस अहमद फूल बाबू को प्रत्याशी बनाया है. इस सीट पर तीन दशक से पूर्व केंद्रीय मंत्री सांसद मेनका गांधी और उनके पुत्र सांसद वरुण गांधी का वर्चस्व रहा है, लेकिन इस बार गांधी परिवार इस सीट से दूर है.
रामपुर लोकसभी सीट पर कौन कौन प्रत्याशी
रामपुर लोकसभी सीट से भाजपा के प्रत्याशी घनश्याम लोधी, सपा के प्रत्याशी मौलाना मोहिब्बुल्लाह नदवी, बसपा के जीशान खां, मॉयनरिटीज डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रत्याशी अरशद वारसी, निर्दलीय प्रत्याशी सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता महमूद प्राचा व निर्दलीय प्रत्याशी शिव प्रसाद चुनावी मैदान में हैं. जिसमें मुख्य दल भाजपा, सपा और बसपा है. जातीय समीकरणों के साथ जीत के आंकड़े का अंदाजा लगाया जा रहा है.
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