Home Politics पवार बनाम पवार की चुनावी लड़ाई में एक और पवार ने मारी एंट्री, जानें क्या है पूरा मामला

पवार बनाम पवार की चुनावी लड़ाई में एक और पवार ने मारी एंट्री, जानें क्या है पूरा मामला

by Live Times
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Lok Sabha Election 2024 : इंडियन गिग वर्कर्स फ्रंट के प्रोसिडेंट डॉक्टर केशव काहिरसागर ने कहा कि डिस्टिक में एक कैब ड्राइवर, रिक्शा ड्राइवर, एक फूड डिलीवरी बॉय और एक आदमी है जो टेम्पो चलाता है उनको हमने अपना उम्मीदवार बनाया है.

21 April, 2024

Lok Sabha Election 2024 : महाराष्ट्र की बारामती लोकसभा सीट पर पवार बनाम पवार की लड़ाई में एक और पवार की एंट्री हो गई है. 36 साल के ऑटो ड्राइवर शरद हैं और ये इंडियन गिग वर्कर्स फ्रंट के समर्थन से चुनाव लड़ रहे हैं. इस दौरान ऑटो ड्राइवर ने कहा कि बड़े-बड़े नेता हैं. वो भी कामगार वर्ग की आवाज नहीं उठाते हैं, जो गीग वर्कर्स बोलते हैं तो उनकी मांगे विधानसभा और लोकसभा में कोई भी नहीं उठाता है. इसलिए मेरी आप सब से गुजारिश है कि अगर मैं इधर बारामती लोकसभा में हूं तो जो कामगार वर्ग है वो मेरे को वोट दें.

दो पवार के बीच एक और पवार की एंट्री

बारामती से शरद पवार की बेटी सुप्रीया सुले को टिकट दिया गया है और उनके खिलाफ उनके भाई अजीत पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार को चुनावी मैदान में उतारा है. लिहाजा महाराष्ट्री की बारामती लोकसभा सीट पर जबरदस्त का मुकाबला होने वाला है. दो पवार के बीच एक अन्य पवार की एंट्री हो गई है.

गिग वर्कर्स फ्रंट ने चार उम्मीदवार घोषित किए

इंडियन गिग वर्कर्स फ्रंट के प्रोसिडेंट डॉक्टर केशव काहिरसागर ने कहा कि डिस्टिक में एक कैब ड्राइवर, रिक्शा ड्राइवर, एक फूड डिलीवरी बॉय और एक आदमी है जो टेम्पो चलाता है उनको हमने उम्मीदवार बनाया है. उसका रीजन यही है कि ये जो गीग वर्कर्स है उनके लिए कोई भी एक्ट नहीं है. सेंट्रल गवर्नमेंट ने गीग वर्कर्स एक्ट पास किया है लेकिन महाराष्ट्र एक ऐसा स्टेट है जहां सबसे ज्यादा गीग वर्कर्स रहते हैं लेकिन अभी तक महाराष्ट्र स्टेट ने वो एक्ट पास नहीं किया है इसलिए जो इनके काफी सालों से फंडामेंटल राइट्स वॉयलेट हो रहे रहें हैं.

ऑटो ड्राइवर के आइडल शरद पवार हैं

पुणे कैब एसोसिएशन, इंडियन गिग वर्कर्स फ्रंट ने बारामती के अलावा पुणे, मावल और शिरूर लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार खड़े किए हैं.ऑटो चालक शरद पवार एनसीपी (शरद पवार) के संरक्षक शरद पवार को आदर्श और प्रेरणा के रूप में देखते हैं. 1988 में उनके दादा ने उन्हीं के नाम पर ऑटो ड्राइवर शरद पवार का नाम रखा था. उसी दौरान शरद पवार दूसरी बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने थे. बता दें कि देश की सबसे दिलचस्प सीटों में से एक बारामती पर तीसरे चरण में सात मई को वोट डाले जाएंगे.

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