Blyth’s Tragopan: मिजोरम में ब्लिथ्स ट्रैगोपैन नाम के पक्षी की प्रजाति को 10 साल बाद खोजा गया है. इसे मिजो में वंगा भी कहा जाता है. इस प्रजाति को विलुप्त माना जाता था लेकिन अब 10 साल बाद इस प्रजाति के पक्षी को फिर से खोज निकाला गया है.
23 April, 2024
दरअसल, यह ब्लिथ्स ट्रैगोपैन तीतर की एक प्रजाति है. इसे हाल ही में कंजर्वेशन मिजोरम ग्रुप ने फौंगपुई राष्ट्रीय उद्यान के थाल्टलांग गांव में कैमराट्रैप में देखा था. इसके साथ ही कंजर्वेशन मिजोरम के अध्यक्ष रोचमलियाना ने आइजोल में बताया कि वह इस दुर्लभ प्रजाति के पक्षी को डॉक्यूमेंट करने की कोशिश कर रहे हैं. इसके अलावा उन्होंने कहा कि ये पक्षी इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (IUCN) की रेड लिस्ट में है. ब्लिथ्स ट्रैगोपैन पक्षी की आबादी कम है और ये लगातार घट रही है. ये प्रजाति भूटान, उत्तरपूर्वी भारत, उत्तरी म्यांमार, दक्षिणपूर्वी तिब्बत और चीन के अलग-अलग इलाकों में पाई जाती है.
‘ब्लिथ्स ट्रैगोपैन’ पक्षी की खासियत
दुनिया भर में ब्लिथ्स ट्रैगोपैन पक्षियों की संख्या 2,500 से 9,999 के बीच बताई जाती है. ये पक्षी ओक और रोडोडेंड्रोन जंगलों को पसंद करते हैं, जो आमतौर पर ज्यादा ऊंचाई पर पाए जाते हैं. पूर्वोत्तर भारत में जंगलों की कटाई ब्लिथ्स ट्रैगोपैन की आबादी के लिए बड़ा खतरा पैदा करती है क्योंकि इससे जंगलों में पाए जाने वाले उनके खाने के स्रोत में कमी आती है.
ब्लीथ्स ट्रैगोपैन की डॉक्यूमेंट्री करना चाहते हैं लोग
मिजोरम कंजर्वेशन के अध्यक्ष रोचमलियाना का कहना है कि हम मिजोरम में इस दुर्लभ पक्षी ‘ब्लीथ्स ट्रैगोपैन’ को डॉक्यूमेंट करने की कोशिश कर रहे हैं. ये पक्षी कंजर्वेशन के नजरिए से बहुत अहम है क्योंकि ये भारत में दुर्लभ प्रजातियों में से एक है. ये कंजर्वेशन के लिए इंटरनेशनल यूनियन ऑफ नेचर (IUCN) की रेड लिस्ट में है. इसे मिजोरम में 10 साल पहले दर्ज किया गया था, लेकिन हमें कोई भी तस्वीर नहीं मिली थी. इसलिए हम इसे मिजोरम में रिकॉर्ड करके बहुत खुश हैं. इससे मिजोरम बर्डसाइंस के नक्शे की उस लिस्ट में आ जाएगा जहां ये दुर्लभ पक्षी पाए जा सकते हैं.
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