Vinod Khanna-Firoz Khan: विनोद खन्ना और फिरोज खान फिल्म में तो दोस्त बने ही थे लेकिन असली जिंदगी में भी वो जिगरी यार थे.
27 April, 2024
Vinod Khanna-Firoz Khan death Anniversary: विनोद खन्ना और फिरोज खान हिंदी सिनेमा के सबसे बेहतरीन एक्टर्स में से थे. दोनों ने कई फिल्मों में साथ काम किया. विनोद और फिरोज की दोस्ती सिर्फ पर्दे तक ही सीमित नहीं थी बल्कि वो असल जिंदगी में भी जिगरी दोस्त थे. इतना ही नहीं दोनों का निधन एक ही तारीख को हुआ. 8 साल के गैप में दोनों एक्टर ने एक ही तारीख को अंतिम सांस ली.
एक ही तारीख को हुआ निधन
फिरोज खान ने 27 अप्रैल, 2009 को दुनिया से अलविदा कहा तो वहीं, ठीक 8 साल बाद यानी 27 अप्रैल, 2017 को विनोद खन्ना का निधन हुआ. विनोद खन्ना और फिरोज खान ने फिल्म ‘कुर्बानी’ (1980) में जिगरी दोस्तों का किरदार निभाया. इसके बाद दोनों फिल्म ‘दयावान’ में भी साथ दिखाई दिए. ये फिल्म साल 1988 में रिलीज हुई थी.
करियर के पीक पर लिया बड़ा फैसला
अपने करियर के पीक पर पहुंचकर विनोद खन्ना ने ऐसा फैसला लिया जिसने उनकी पूरी दुनिया ही बदलकर रख दी थी. उन्होंने ओशो के आश्रम में शरण ली और अपना घर छोड़ दिया. हालांकि, अमेरिका में ओशो के आश्रम में 5 साल बिताने के बाद विनोद खन्ना ने बॉलीवुड में वापसी की, लेकिन दर्शकों ने उनका पहले जैसा स्वागत नहीं किया.
दोनों की हिट फिल्में
विनोद खन्ना ने अपने करियर में ‘मुकद्दर का सिकंदर’, ‘इन्कार’, ‘हेरा फेरी’, ‘पत्थर और पायल’, ‘अमर अकबर एंथोनी’, ‘कुर्बानी’, ‘दयावान’, ‘मेरा गांव मेरा देश’, ‘सच्चा झूठा’, ‘लहू के दो रंग’, ‘दबंग’ और ‘मैं तुलसी तेरे आंगन’ की जैसी कई बेहतरीन फिल्मों में काम किया. वहीं, फिरोज खान ने अपने करियर में ‘सफर’, ‘एक पहेली’, ‘गीता मेरा नाम’, ‘धर्मात्मा’, ‘नागिन’, ‘कुर्बानी’, ‘दयावान’, ‘यलगार’, ‘वैलकम’, ‘खून और पानी’, ‘एक पहेली’, ‘रात और दिन’ और ‘सुहागन’ जैसी फिल्में दी हैं.
यह भी पढ़ेंः Cannes Film Festival में होगा 48 साल पुरानी स्मिता पाटिल की फिल्म का प्रीमियर, क्यों खुश हैं अमिताभ बच्चन?