Gujarat Textile Craft : कपड़े की खास बात यह है कि अजरख प्रिंट में इस्तेमाल किए जाने वाले रंग नेचुरल होते हैं. इसके कलर को तैयार करने के लिए सब्जी, मिट्टी और चूने के पेस्ट बनाया जाता है.
28 April, 2024
Gujarat Textile Craft : गुजरात के सबसे प्रसिद्ध कपड़ा शिल्पों में से एक अजरख को हाल ही में ज्योग्राफिकल इंडिकेशन (GI) टैग दिया गया है. अजरख आज देशभर में अपनी एक अलग पहचान रखता हैं. अजरख का उत्पादन मुख्य रूप से तीन जगह गुजरात में कच्छ, राजस्थान में बाड़मेर और पाकिस्तान के सिंध में होता है. बता दें कि कच्छ में करीब 200 कारखाने हैं और अजरख कपड़ा शिल्प से जुड़े लगभग 1500 से 2000 कारीगर हैं.
अजरख कपड़े में ऑरिजनल रंग होते हैं
इस कपड़े की खास बात यह है कि अजरख प्रिंट में इस्तेमाल किए जाने वाले रंग नेचुरल होते हैं. इसके कलर को तैयार करने के लिए सब्जी, मिट्टी और चूने के पेस्ट बनाया जाता है. और इससे ही इसकी छपाई होती है जिसमें काफी मेहनत लगती है. इस शिल्प से जुड़े कारोबारियों का मानना है कि जीआई टैग मिलने से अब नकली अजरख उत्पादों की बिक्री पर लगाम लगेगी और उन्हें अपने उत्पादों के लिए बेहतर कीमत मिलेगी.
पांज हजार पुरानी कला
अजरखपुर हस्तशिल्प विकास संघ के अध्यक्ष इस्माइल खत्री ने कहा कि हमारे पूर्वज अजरख बनाते थे लेकिन हमको खुद को नहीं पता था कि ये पांच हजार साल पुरानी है और इसके प्रमाण जो मिले हैं वो मोहनजोदड़ो के समय से हैं, जहां राजा और राजकुमार अजरख पहने हुए दिखाई देते हैं. उन्होंने कहा कि पांच हजार साल पहले कैमरे और मोबाइल नहीं थे तो कोई भी शख्स कुछ भी बनाते था तो सामने वाले का आधार लेता था. जैसे कोई कुर्सी पड़ी हुई है ये टेबल पड़ा हुआ है उसे देखकर हाथ से पेंटिंग करते थे.
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