Home National विलेज डिफेंस गार्ड ने आतंकियों से निपटने के लिए मांगी अच्छी सैलरी और हथियार, गार्ड बोले- ऑटोमेटिक वेपंस मिलने चाहिए

विलेज डिफेंस गार्ड ने आतंकियों से निपटने के लिए मांगी अच्छी सैलरी और हथियार, गार्ड बोले- ऑटोमेटिक वेपंस मिलने चाहिए

by Live Times
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विलेज डिफेंस गार्ड ने आतंकियों से निपटने के लिए मांगी अच्छी सैलरी और हथियार, गार्ड बोले ऑटोमेटिक वेपंस मिलने चाहिए
Village Defense Guard : सरपंच सैफुद्दीन ने कहा कि इनकी डिमांड्स हैं कि इनके पास जो गन है ये बड़ी गन है. जबकि मिलिटेंट के पास छोटी और ऑटोमैटिक गन है. इनको इस गन से फायर करते-करते तकरीबन पांच मिनट लग जाते हैं. तब तक तो मिलिटेंट एक तरफ से 32 की 32 गोलियां निकाल देता है.

30 April, 2024

Village Defense Guard : जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से निपटने और सुरक्षा बलों को मदद देने के लिए केंद्र सरकार ने विलेज डिफेंस गार्ड्स बनाए हैं, ताकि बॉर्डर से लेकर अंदरूनी घटनाओं पर बारीकी से नजर रखी जा सके. अब डिफेंस गार्ड बेहतर कामकाजी माहौल की मांग कर रहे हैं. राइफलों से लैस इन विलेज डिफेंस गार्ड्स का कहना है कि अपने मजबूत इरादों के बावजूद वो इन पुराने हथियारों के साथ अत्याधुनिक हथियारों से लैस आतंकवादियों का मुकाबला करने में सक्षम नहीं हैं.

हमारी सरकार हमें अत्याधुनिक हथियार दे

विलेज डिफेंस गार्ड गुल मोहम्मद ने कहा कि नियम रहता है कि हमारी सरकार हमें हथियार दे, ताकि हम अपने विलेज की रक्षा कर सकें. उन्होंने हमारी सरकार यही अपील है कि हमें ऑटोमैटिक वेपंस दिए जाएं. गुल ने कहा कई दफा हमें दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. अगर हमारे पास ऑटोमैटिक हथियार होते तो हम दुश्मनों के साथ डटकर मुकाबला कर सकें.

समय पर सैलेरी नहीं मिलने पर दिक्कतों का सामना करना पड़ता है

सरपंच सैफुद्दीन ने कहा कि इनकी डिमांड्स हैं कि इनके पास जो गन है ये बड़ी गन है. जबकि मिलिटेंट के पास छोटी और ऑटोमेटिक गन है. इनको इस गन से फायर करते-करते तकरीबन पांच मिनट लग जाते हैं. तब तक तो मिलिटेंट एक तरफ से 32 की 32 गोलियां निकाल देता है. हम गुजारिश करेंगे कि गवर्नमेंट के साथ कि इन नौजवानों के लिए को ऑटोमेटिक हथियार दिया जाए और दूसरी तरफ कई नौजवान हैं जिनको कोई भी तनख्वाह वगैरह नहीं मिल रही है, जिसके कारण उनको आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है, उन्हें समय पर अच्छा भत्ता मिले.

विलेज डिफेंस गार्ड की स्थापना 1990 में हुई थी

बता दें कि विलेज डिफेंस गार्ड्स को पहले विलेज डिफेंस कमिटी कहा जाता था. इसका गठन 1990 के दशक में किया गया था, जब जम्मू कश्मीर में आतंकवाद चरम पर था. वहीं इन गार्डों की प्राथमिक जिम्मेदारी अपने गांवों की रक्षा करना और आतंकवाद से निपटने के लिए सुरक्षा एजेंसियों की मदद करना है. इनका कहना है कि सरकार को हर विलेज डिफेंस गार्ड को आधुनिक हथियारों के साथ ही अच्छा भत्ता भी देना चाहिए.

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