Home Religious Siddhivinayak Temple: जानिए मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें

Siddhivinayak Temple: जानिए मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें

by Pooja Attri
0 comment
Siddhivinayak Temple: जानिए मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें

Ganpati Temple: सनातन धर्म में गणेश भगवान को बाधाओं के विनाशक (विघ्नहर्ता) माना जाता है. मुंबई के प्रभादेवी में स्थित सिद्धिविनायक मंदिर भगवान गणेश का एक बहुत ही फेमस मंदिर है. ये मंदिर बेहद पुराना है और सदियों से भक्तों की इच्छाओं को पूरा करता आया है. चलिए जानते हैं इस मंदिर से जुड़ी रोचक बातें.

30 April, 2024

Siddhivinayak Temple Mumbai: जब भी कोई नया काम या बिजनेस आदि शुरू किया जाता है तो सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है. सनातन धर्म में गणेश भगवान को बाधाओं के विनाशक (विघ्नहर्ता) माना जाता है. मुंबई के प्रभादेवी में स्थित सिद्धिविनायक मंदिर भगवान गणेश का एक बहुत ही फेमस मंदिर है. ये मंदिर बेहद पुराना है और सदियों से भक्तों की इच्छाओं को पूरा करता आया है. देश का मुंबई शहर अपने इतिहास और अध्यात्म के लिए बहुत मशहूर है. साथ ही इसका पुरातत्व की दृष्टि से भी बेहद महत्व है. आइए जानते हैं मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर की खास विशेषताएं.

इतिहास और विशेषताएं

सबसे लोकप्रिय और महत्वपूर्ण पूजा स्थलों में से एक सिद्धिविनायक गणपति मंदिर पहली बार गुरुवार 19 नवंबर 1801 को प्रतिष्ठित किया गया था, यह तथ्य सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज है. तब मंदिर एक छोटी संरचना थी जिसमें श्री सिद्धिविनायक की काले पत्थर की मूर्ति थी, जो ढाई फीट चौड़ी थी. इस देवता की उत्कृष्ट विशेषता सूंड का दाहिनी ओर झुका होना है. मूर्ति के चार हाथ (चतुर्भुज) हैं, जिनमें ऊपर दाईं ओर एक कमल, ऊपरी बाईं ओर एक छोटी सी कुल्हाड़ी, नीचे दाईं ओर पवित्र मालाएं और मोदक से भरा कटोरा है. देवता के दोनों ओर रिद्धि और सिद्धि हैं, जो पवित्रता, पूर्णता, समृद्धि और धन का प्रतीक हैं। देवता के माथे पर एक आंख बनी हुई है, जो भगवान शिव की तीसरी आंख के समान है.

पुराना डिजाइन

पुराने मंदिर में एक प्राचीन स्थापत्य शैली थी, जिसमें एक हॉल, एक गर्भगृह, कुछ खाली खुली जगह, दाईं ओर मंदिर का प्रशासनिक कार्यालय और सामने एक पानी की टंकी शामिल थी. सिटीलाइट सिनेमा के पास माटुंगा सिग्नल के पास स्थित काशी-विश्वेश्वर मंदिर को देखकर कोई भी अंदाजा लगा सकता है कि यह कैसा दिखता होगा.

नया डिजाइन

मंदिर का नवीनीकरण 1990 में शुरू हुआ. यह तीन करोड़ रुपये की लागत से 3 वर्षों में पूरा हुआ. इस मंदिर को बनाने में मुख्य पत्थर संगमरमर और गुलाबी ग्रेनाइट का इस्तेमाल किया गया है. मंदिर को एक बेहतरीन वास्तुशिल्प उदाहरण के रूप में डिजाइन किया गया था. इस प्रकार, 200 साल पुराने मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया और उसे एक भव्य, बहुमंजिला और महल जैसे मंदिर में पुनर्स्थापित किया गया.

यह भी पढ़ें: Dwarikadhish Mandir: ये हैं गुजरात के द्वारकाधीश मंदिर से जुड़ी कुछ रोचक बातें

You may also like

Leave a Comment

Feature Posts

Newsletter

Subscribe my Newsletter for new blog posts, tips & new photos. Let's stay updated!

@2024 Live Time. All Rights Reserved.

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?
-
00:00
00:00
Update Required Flash plugin
-
00:00
00:00