Plea Against Covishield: एस्ट्रेजेनेका ने यूके हाई कोर्ट को फरवरी में सौंपी अपनी रिपोर्ट में ये स्वीकार किया है कि कुछ रेयर केसेज़ में कोविड वैक्सीन के गंभीर साइड इफेक्ट्स होने के मामले सामने आए हैं. इससे TTS यानी थ्रोम्बोसिस थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम नाम की बीमारी होती है.
01 May, 2024
Covishield Risk Factors: कोविशील्ड वैक्सीन के ‘साइड इफेक्ट्स’ से जुड़ा मुद्दा अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है. आज यानी 1 मई, बुधवार को एक जनहित याचिका (पीआईएल) सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में डाली गई, जिसमें वैक्सीन से जुड़े ‘साइड इफेक्ट्स’ की जांच करने के लिए एक एक्स्पर्ट मेडिकल पैनल बनाने की मांग की गई. इसके साथ ही जनता की हेल्थ को ध्यान में रखते हुए निर्देश जारी करने की मांग की गई.
कोविड वैक्सीन साइड इफेक्ट
ब्रिटेन के चर्चित अखबार द टेलिग्राफ में छपी इस रिपोर्ट ने पूरी दुनिया को चिंतित कर दिया है कि कोविड वैक्सीन के रेयर साइड इफेक्ट हो सकते हैं. इस रिपोर्ट के मुताबिक, एस्ट्रेजेनेका ने यूके हाई कोर्ट (United Kingdom High Court) को फरवरी में सौंपी अपनी रिपोर्ट में ये स्वीकार किया है कि कुछ रेयर केसेज़ में कोविड वैक्सीन के गंभीर साइड इफेक्ट्स होने के मामले सामने आए हैं. इससे TTS यानी थ्रोम्बोसिस थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम नाम की बीमारी होती है. आइए जानते हैं क्यों ब्रिटिश कंपनी की ये वैक्सीन भारत में चर्चा का विषय बनी हुई है.
क्या है आरोप
द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, एस्ट्राजेनेका पर आरोप लगा है कि उनकी इस वैक्सीन की वजह से कई लोग मौत के शिकार हो चुके हैं और कुछ लोगों को गंभीर बीमारी से सफर करना पड़ रहा है. इस कंपनी के खिलाफ 51 केस दायर हैं, जिसको ध्यान में रखते हुए कंपनी सेपीड़ितों ने 1 हजार करोड़ का हर्जाने की डिमांड की है.
क्या है पूरा मामला
ये पूरा विवाद तब सामने आया. जब जेमी स्कॉट नाम के एक शख्स ने पिछले साल वैक्सीन बनाने वाली कंपनी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. स्कॉट का आरोप था कि उन्होंने अप्रैल 2021 में एस्ट्राजेनेका के वैक्सीन का डोज लिया था. जिसके बाद उनके दिमाग में खून के थक्के जम गए और इटर्नल ब्लीडिंग के कारण उनकी हालत काफी ज्यादा बिगड़ गई.
यूके हाईकोर्ट का फैसला
यूके हाईकोर्ट में सौंपे गए एस्ट्राजेनेका के रिपोर्ट का खुलासा होने के बाद भारत में भी ये खबर चर्चा का विषय बना हुआ है क्योंकि एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की मिलकर बनाई गई वैक्सीन के फॉर्मूले पर ही भारत की सीरम इंस्टीट्यूट ने कोवीशील्ड वैक्सीन का निर्माण किया. देश में लोगों को कोवीशील्ड के करीब 175 करोड़ डोज लगाए गए हैं.
याचिका हुई दायर
हालही में कोविशील्ड वैक्सीन के सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई, जिसमें कहा गया है कि इस जांच समिति की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के एक रिटायर जज द्वारा की जाए. वकील विशाल तिवारी जिन्होंने जनहित याचिका दायर की थी उनके अनुसार, कोविशील्ड वैक्सीन को लगवाकर लोग बीमार हो गए हैं या जिनकी मौत हो गई है उनको मुआवजा दिया जाए. उन्होंने वैक्सीन से होने वाले साइड इफेक्ट को निर्धारित करते हुए क्रेंद्र को निर्देश जारी किए हैं.
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