Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश का फिरोजाबाद शहर अपनी खूबसूरत कांच की चूड़ियों के दुनियाभर में फेमस है. लेकिन सरकारों के ध्यान न देने की वजह से अब ये बिजनेस बर्बादी की कगार पर आ गया है. चूड़ी फैक्ट्रियों की बदहाली का असर अगले हफ्ते लोकसभा चुनावों के लिए होने वाली वोटिंग पर भी पड़ सकता है.
04 May, 2024
Bangle Industry Firozabad: उत्तर प्रदेश का फिरोजाबाद शहर दुनिया में चूड़ियों के लिए मशहूर है. तकरीबन पूरे शहर में चल रही फैक्ट्रियों में सदियों से कांच की चूड़ियां और दूसरे आइटम बनाने का काम चल रहा है. चूड़ी और कांच का सामान बनाने वाली फैक्ट्री के मालिक स्वपनिल अग्रवाल के अनुसार, ‘चूड़ी बनाने के लिए सबसे पहले कांच को गलाया जाता है. कांच के बाद फिर बोतल बनाई जाती है. बोटल को रिप्रोसेस करके फिर उसे पकाया जाता है.’बदलते वक्त के साथ खस्ताहाल चूड़ी फैक्ट्रियां अब तमाम मुश्किलों का सामना कर रहीं हैं. ऐसे में कांच की चूड़ी बनाने वाली कुछ पुरानी फैक्ट्रियों ने कांच को रीसाइकल करने और बोतल बनाने का काम शुरू कर दिया है.
चूड़ी व्यापार की बर्बादी
चूड़ी फैक्ट्रियों की बदहाली का असर अगले हफ्ते लोकसभा चुनावों के लिए होने वाली वोटिंग पर भी पड़ सकता है. कई सालों से चूड़ी बनाने का काम कर रहे मोहम्मद उमर फारुक का कहना है कि सरकारों के ध्यान न देने की वजह से अब ये बिजनेस बर्बादी की कगार पर आ गया है. फैक्ट्री के मजदूर मोहम्मद उमर फारूक का कहना है कि ‘चूड़ी के व्यापार के लिए नए-नए प्रोजेक्ट यहां फिरोजाबाद के अंदर लगने चाहिए. चूड़ी व्यापारियों को सरकार की कोई मदद नहीं है जैसे की मेडिकल. जो मजदूर यहां चूड़ी बनाते हैं उनको यहां मेडिकल की बिल्कुल भी सुविधा नहीं है. यहां दवाइयां नहीं मिल पाती है और बहुत सी मौतें इसी कारण हो जाती हैं. यहां कोई बड़े अस्पताल भी नहीं है. ये जिस तरह का मैन्युफैक्चरिंग का काम है, यहां कोई बड़ा हॉस्पिटल नहीं है.’
वैराइटीज के नुकसान
फिरोजाबाद में चूड़ी के दुकानदारों का कहना है कि महिलाएं अब प्लास्टिक और धातु से बनी चूड़ियां ज्यादा पसंद कर रहीं हैं. चूड़ी दुकानदार राहुल शर्मा ने बताया, ‘चूड़ी में आज कल काफी अलग-अलग तरह की वैरायटी आ गई है, कांच में, मेटल में, प्लास्टिक में उसकी वजह से माइंड कंफ्यूज रहता है क्या बेचना है और क्या बनाना है. पहले क्या था, पहले के टाइम में चुनी हुई वैरायटी चलती थी, वो ही जो है रेगुलर बनती रहती थी और आजकल रोजाना के हिसाब से वैरायटी निकलती है. उसमें कंफ्यूजन बढता है और उसमें नुकसान भी होता है, तो हमें क्या रखना है, फिर जब तक बनाया वैरायटी, तब तक दूसरी आ गई.’
चूड़ी बिजनेस पर असर
कच्चा माल महंगा होने और दूसरी चुनौतियों के साथ ही जयपुर सहित दूसरे शहरों में कांच की चूड़ी का हब बनने से भी फिरोजाबाद की चूड़ी फैक्ट्रियों पर बुरा असर पड़ा है.बावजूद इसके कांच के कारोबार से जुड़े कुछ लोग ये भी मानते हैं कि चुनावी मौसम में उनके कारोबार में थोड़ा इजाफा हुआ है. कुछ चूड़ी कारोबारियों को उम्मीद है कि नेता जल्द ही उनके व्यापार पर ध्यान देंगे. बीजेपी ने इस बार फिरोजाबाद सीट से मौजूदा सांसद चंद्रसेन जादौन की जगह ठाकुर विश्वदीप सिंह को उम्मीदवार बनाया है.
फिरोजाबाद निर्दलीय सांसद
विश्वदीप के पिता ठाकुर ब्रजराज सिंह 1957 में फिरोजाबाद से निर्दलीय सांसद चुने गए थे. समाजवादी पार्टी ने यहां से अक्षय यादव को टिकट दिया है. अखिलेश यादव के चचेरे भाई अक्षय यादव 2009 में लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं. फिरोजाबाद में तीसरे चरण में सात मई को वोट डाले जाएंगे.
यह भी पढ़ें: Lok Sabha Elections Highlights: तीसरे चरण में 94 सीटों पर मतदान, चुनाव प्रचार ने पकड़ा जोर