Shubh Nakshtra: सनातन धर्म में शादी, गृह प्रवेश और मुंडन जैसे कार्यों को करने के लिए शुभ मुहूर्त जरूर देखा जाता है. मान्यातनुसार, जो कार्य शुभ मुहूर्त में शुरू और खत्म किए जाते हैं उससे जीवन की बाधाएं दूर होती हैं और व्यक्ति की इच्छाएं भी पूर्ण होती हैं.
14 May, 2024
Shubh Muhurat Importance and Types: हिंदू धर्म में शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व है इसीलिए किसी भी मांगलिक या शुभ कार्य को शुरू करने से पहले मुहूर्त देखा जाता है. मान्यतानुसार, जो कार्य शुभ मुहूर्त में किए जाते हैं उनमें सफलता और लाभ जरूर मिलता है. ये परंपरा पुराने समय से ही चली आ रही है. वैदिक शास्त्र की मानें तो शुभ मुहूर्त उस खास समय को कहते हैं, जब सौरमंडल में ग्रह और नक्षत्र की स्थिति किसी भी खास कार्य के लिए शुभ होती है. इसी वजह से जीवन की समस्याओं और बाधाओं को दूर करने के लिए पुराने समय से ही शुभ मुहूर्त का पालन किया जा रहा है.
सनातन धर्म में शादी, गृह प्रवेश और मुंडन जैसे कार्यों को करने के लिए शुभ मुहूर्त जरूर देखा जाता है. मान्यातनुसार, जो कार्य शुभ मुहूर्त में शुरू और खत्म किए जाते हैं उससे जीवन की बाधाएं दूर होती हैं और व्यक्ति की इच्छाएं भी पूर्ण होती हैं. शुभ मुहूर्त के बारे में जानने के लिए ज्योतिष जानकार या पंडितों की मदद ली जाती है क्योंकि ज्योतिष गणना के अनुसार बताए जाने वाले शुभ मुहूर्त ही कामों के लिए अच्छे माने जाते हैं. शास्त्रों की मानें तो अगर कोई व्यक्ति कोई कार्य अशुभ घड़ी में करता है तो उसका जीवन कष्टों और बाधाओं से भर जाता है.
वैदिक पंचांग के 5 खास अंग
वैदिक पंचांग में 5 विशेष अंगो- नक्षत्र, तिथि, योग, करण और वार का वर्णन किया गया है. शुभ मुहूर्त वही कहलाता है जो इन पांच अंगों के सहयोग से निकाला जाता है. ये समय ही किसी मांगलिक कार्य के लिए खास होता है.
नक्षत्र
ज्योतिष विज्ञान की मानें तो 27 प्रकार के नक्षत्र होते हैं. लेकिन किसी शुभ कार्य का मुहूर्त निकालते समय 28वां नक्षत्र को भी गिना जाता है जिसको अभिजीत नक्षत्र कहते हैं.
तिथि
हिंदू पंचांग के मुताबिक, 16 अंग तिथि 16 प्रकार की होती हैं जिसमें अमावस्या और पूर्णिमा 2 विशेष तिथियां हैं. इससे कृष्ण और शुक्ल पक्ष को बांटा जाता है. मान्यतानुसार, कृष्ण पक्ष शुभ कार्यों के लिए अच्छा नहीं होता है इसलिए शुभ मुहूर्त शुक्ल पक्ष के दौरान ही निकाला जाता है.
योग
ज्योतिष शास्त्र में 27 तरह के योग वर्णित हैं. योग इंसान के जीवन पर गहरा असर डालते हैं. ज्योतिष द्वारा बताए गए शुभ योग से व्यक्ति को कई सिद्धियां प्राप्त हो सकती हैं.
करण
किसी भी तिथि के आधे भाग को करण कहते हैं. शास्त्रों में मुख्य तौर पर 11 तरह के करण बताए गए हैं जिसमें से 4 स्थिर रहते हैं और 7 अस्थिर. करण के निर्माण से व्यक्ति के जीवन पर गहरा असर पड़ता है.
वार
हिंदू पंचांग का सबसे महत्वपूर्ण अंग वार बताया गया है. यहां आपको बता दें कि एक सूर्योदय से दूसरे सूर्योदय के बीच के समय को वार की श्रेणी में डाला गया है. इसमें 7 वार जैसे- सोमवार, मंगलवार और बुधवार आदि शामिल हैं जिसमें से सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार को सबसे शुभ माना गया है.
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