WPI Inflation: ईंधन और बिजली के साथ-साथ खाद्य पदार्थों, खासकर सब्जियों की कीमतों में बढोतरी की वजह से अप्रैल में थोक महंगाई लगातार दूसरे महीने बढ़कर 1.26 प्रतिशत हो गई.
14 May, 2024
WPI Inflation: ईंधन और बिजली के साथ-साथ खाद्य पदार्थों, खासकर सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण अप्रैल में थोक महंगाई लगातार दूसरे महीने भी काफी बढ़त देखी गई है, जो 13 माह का लेवल है. अप्रैल WPI में वृद्धि इस महीने के खुदरा महंगाई के आंकड़ों के विपरीत है. RBI मौद्रिक नीति बनाते समय मुख्य रूप से खुदरा महंगाई को ध्यान में रखता है. अप्रैल में खुदरा महंगाई घटकर 11 महीने के निचले स्तर 4.83 प्रतिशत पर आ गई. RBI ने पिछले महीने लगातार सातवीं बार ब्याज दर अपरिवर्तित रखी और कहा कि वो खाद्य मुद्रास्फीति के बढ़ने के जोखिम को लेकर सतर्क है. थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित महंगाई अप्रैल 2023 में 0.79 प्रतिशत और मार्च 2024 में 0.53 प्रतिशत थी.
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय का बयान
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने 14 मई को बयान में कहा कि अप्रैल 2024 में मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी की मुख्य वजह खाद्य वस्तुओं, बिजली, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, खाद्य उत्पादों के निर्माण, अन्य विनिर्माण आदि की कीमतों में वृद्धि हो रही है. आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर बढ़कर 7.74 प्रतिशत हो गई, जो मार्च में 6.88 प्रतिशत थी. सब्जियों की महंगाई दर 23.60 प्रतिशत रही, जो मार्च में 19.52 प्रतिशत थी. ईंधन और बिजली में मुद्रास्फीति अप्रैल में 1.38 प्रतिशत रही, जो मार्च में (-)0.77 प्रतिशत थी.
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