Lok Sabha Elections 2024: पांचवें चरण में बिहार की पांच सीटों पर वोट डाले जाएंगे. इस फेज में मधुबनी, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, सारण और हाजीपुर सीटें हैं.
16 May, 2024
Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के पांचवें चरण का चुनाव 20 मई को होने जा रहा है. पांचवें चरण में बिहार की पांच सीटों पर वोट डाले जाएंगे. इस फेज में मधुबनी, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, सारण और हाजीपुर सीटें हैं. जिसको लेकर सभी पार्टीयों ने अपनी जीत के लिए ताकत झोंक दी है. इन पांच सीटों में से अगर केवल एक को छोड़ दिया जाए तो सभी सीटों पर नए प्रत्याशी पुराने योद्धाओं को टक्कर दे रहे हैं. इसमें सबसे ज्यादा चर्चीत सीट सारण है जहां से आरजेडी सुप्रीमों लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य पहली बार चुनाव लड़ रही है.
हाजीपुर में चिराग के सामने चुनौती
हाजीपुर लोकसभा सीट से इस बार लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान चुनाव लड़ रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी (BJP) नीत एनडीए ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं, आरजेडी ने शिवचंद्र राम को चुनावी मैदान में उतारा है. पिछले चुनाव की अगर बात करें तो यहां से लोजपा के टिकट पर चिराग पासवान के चाचा पशुपति कुमार पारस ने चुनाव लड़ा था और जीत अपने नाम की थी, लेकिन इस बार खुद चिराग पासवान इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. पिछले चार दशक से रामविलास पासवान पर ही यहां के जनता ने भरोसा जताया है. लेकिन इस बार परिस्थितियां बदली नजर आ रही हैं. इस बार पिता की कर्मभूमि से चिराग पासवान चुनावी मैदान में उतरे हैं.
सीतामढ़ी सीट पर कौन है नया योद्धा
इस सीट से जेडीयू ने देवेश चंद्र ठाकुर को चुनावी मैदान में उतारा है तो वहीं आरजेडी ने फिर से अर्जुन राय को उम्मीदवार बनाया है. हालांकि इस सीट से पिछले चुनाव में जेडीयू के सुनील कुमार पिंटू ने चुनाव लड़ा था और जीत अपने नाम की थी, लेकिन इस बार पार्टी ने देवेश चंद्र ठाकुर को मौका दिया है. सीतामढ़ी सीट का गठन साल 1957 में हुआ है. इस लोकसभा क्षेत्र में 6 विधानसभा की सीटे हैं.
मधुबनी सीट का समझिए समीकरण
इस सीट पर एनडीए (NDA) और इंडिया गठबंधन (India Alliance) के बीच सीधी टक्कर है. BJP ने जहां एक बार फिर इस सीट से अशोक कुमार यादव को टिकट दिया है तो वही आरजेडी ने दिग्गज नेता अली अशरफ फातमी को चुनावी मैदान में उतारा है. अली असरफ फातमी दरभंगा से चार बार सांसद रह चुके हैं. उनकी गिनती मिथिलांचल के बड़े अल्पसंख्यक चेहरे में होती है तो अशोक यादव वर्तमान में मधुबनी के सांसद हैं. पिछले चुनाव में अशोक यादव ने विकासशील इंसान पार्टी के बद्री पूर्वे को हराकर जीत अपने नाम की थी.
क्या इस बार भी राजभूषण को हरा पाएंगे अजय निषाद
मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट की चुनावी लड़ाई की अगर बात करें तो इस बार दोंनों ही कैंडिडेट्स पुराने हैं, लेकिन अहम बात यह है कि दोनों ने पार्टियां बदल ली हैं. पिछले चुनाव में अजय निषाद ने BJP की तरफ से चुनाव लड़ा था तो राजभूषण चौधरी ने मुकेश सहनी की पार्टी VIP की तरफ से चुनाव लड़ा था. हालांकि वो चुनाव हार गए थे अजय निषाद ने जीत अपना नाम की थी, लेकिन इस बार अजय निषाद कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं तो राजभूषण भारतीय जनता पार्टी की तरफ चुनावी मैदान में हैं. मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट में सवर्ण मतदाता सर्वाधिक हैं. इसके बाद मुस्लिम, यादव और वैश्य वोटर हैं.
रोहिणी अपनी राजनीतिक पारी की कर रही हैं शुरुआत
सारण की लोकसभा सीट इस बार काफी खास बन गई है. सभी की नजरें इस सीट पर टिकी हुई है. एनडीए गठबंधन ने इस सीट से बीजेपी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी को फिर टिकट दिया है. वहीं, I.N.D.I.A. गठबंधन की तरफ से आरजेडी ने लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य को अपना प्रत्याशी बनाया है. ऐसे में पहली बार चुनाव लड़ रही रोहिणी के लिए रास्ता आसान नहीं है. इस सीट से लालू यादव भी चुनाव लड़ चुके हैं और चार बार जीतकर सांसद बने हैं. हालांकि लालू की गैरमौजूदगी में राजीव प्रताप रूडी को मौका मिल गया और उन्होंने 2014 और 2019 के चुनाव में जीत अपने नाम कर ली. अपने पिता लालू यादव को किडनी देकर रोहिणी आचार्य लोगों के बीच मश्हूर हो गई हैं. उन्हें लोगों की सहानुभूति मिल रही है. सभी का कहना है कि रोहिणी जैसी बेटी हर घर में होनी चाहिए.
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