Home Business सिंगापुर और हांगकांग के बाद नेपाल ने भारतीय मसालों की गुणवत्ता पर लिया एक्शन, बिक्री पर लगाया प्रतिबंध

सिंगापुर और हांगकांग के बाद नेपाल ने भारतीय मसालों की गुणवत्ता पर लिया एक्शन, बिक्री पर लगाया प्रतिबंध

by Live Times
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MDH and Everest Spices

Indian Spices : खाद्य गुणवत्ता नियंत्रण संस्था ने आयातकों और व्यापारियों से इन उत्पादों को बाजार से वापस लेने का भी आग्रह किया है. पिछले महीने सिंगापुर और हांगकांग ने कुछ कैंसर से जुड़े ETO के संदिग्ध ऊंचे स्तर पर MDH और एवरेस्ट द्वारा उत्पादित कुछ मसालों की बिक्री रोक दी थी.

18 May, 2024

Indian Spices : सिंगापुर और हांगकांग के बाद नेपाल ने भी कथित गुणवत्ता संबंधी चिंताओं को लेकर भारतीय ब्रांडों द्वारा निर्मित कुछ मसाला-मिश्रण उत्पादों की बिक्री और आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है. खाद्य प्रौद्योगिकी और गुणवत्ता नियंत्रण विभाग के अनुसार, MDH और एवरेस्ट के चार मसाला-मिश्रण उत्पादों को संदिग्ध एथिलीन ऑक्साइड (ETO) संदूषण के कारण शुक्रवार से हिमालयी राष्ट्र में प्रतिबंधित कर दिया गया था. इसके अंतर्गत मद्रास करी पाउडर, सांभर मिश्रित मसाला पाउडर नेपाल में एमडीएच के मिक्स्ड मसाला करी पाउडर और एवरेस्ट के फिश करी मसाला पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.

उत्पादों और आयातों पर लगा प्रतिबंध

विभाग ने एक नोटिस में लिखा कि इन चार उत्पादों में एथिलीन ऑक्साइड की अवशेष सामग्री निर्धारित सीमा से अधिक पाई गई है, इसलिए खाद्य विनियमन 2027 BS के अनुच्छेद 19 के अनुसार देश के भीतर इन उत्पादों के आयात और बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इसमें कहा गया है कि हमारा गंभीर ध्यान बाजार में इन घटिया उत्पादों की बिक्री को लेकर उपभोग के लिए हानिकारक हैं.

FSSAI ने की मसालों की गुणवत्ता में सुधार करने की बात

खाद्य गुणवत्ता नियंत्रण संस्था ने आयातकों और व्यापारियों से इन उत्पादों को बाजार से वापस लेने का भी आग्रह किया है. पिछले महीने सिंगापुर और हांगकांग ने कुछ कैंसर से जुड़े ETO के संदिग्ध ऊंचे स्तर पर MDH और एवरेस्ट द्वारा उत्पादित कुछ मसालों की बिक्री रोक दी थी. भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने तब से देश में विभिन्न ब्रांडों के पाउडर मसालों की गुणवत्ता की जांच करने के लिए कदम उठाए हैं.

मु्द्दा नहीं सुलझा तो मसालों की ब्रिकी में आएगी गिरावट

फेडरेशन ऑफ इंडियन स्पाइस स्टेकहोल्डर्स (FISS) ने कहा कि अगर निर्यात के लिए मसालों में एथिलीन ऑक्साइड संदूषण के मुद्दे को जल्द से जल्द सॉल्यूशन नहीं किया गया तो वित्त वर्ष 2025 में भारत के मसाला निर्यात में लगभग 40 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है. भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार, भारत दुनिया के अग्रणी मसाला उत्पादकों में से एक है, जो 2021-22 में लगभग 180 देशों को 4 बिलियन अमरीकी डालर मूल्य के 200 से अधिक मसालों और मूल्य वर्धित उत्पादों का निर्यात करता है.

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