Monsoon 2024 : भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बुधवार को कहा कि अगले 24 घंटों के दौरान केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून के दस्तक देने के लिए परिस्थितियां अनुकूल होती जा रही हैं.
29 May, 2024
Monsoon 2024 : भीषण गर्मी के बीच भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (Indian Meteorological Department) की ओर से बहुत अच्छी खबर आ रही है. आगामी 24 से 48 घंटों के दौरान मानसून के केरल और पूर्वोत्तर में दस्तक देने की संभावना है. इसके साथ ही केरल में झमाझम बारिश होने की संभावना भी मौसम विज्ञानियों ने जताई है. मिली जानकारी के अनुसार, चक्रवात रेमल के चलते दक्षिण-पश्चिम मानसून के केरल तट और पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों में गुरुवार (30 मई, 2024) तक पहुंचने की उम्मीद है. केरल में मानसून की दस्तक मौसम विभाग द्वारा पूर्वानुमानित तिथि से एक दिन पहले है.
क्या रेमल चक्रवात की वजह से जल्दी आ रहा मानसून
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बुधवार को कहा कि अगले 24 घंटों के दौरान केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून के दस्तक देने के लिए परिस्थितियां अनुकूल होती जा रही हैं. मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो रविवार को पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश से गुजरे चक्रवात रेमल ने मानसून की गति को बंगाल की खाड़ी की ओर खींच लिया है, जो उत्तर-पूर्व में समय से पहले दस्तक देने का एक कारण हो सकता है. बता दें कि 15 मई को मौसम विभाग ने 31 मई तक केरल में मानसून के दस्तक देने की घोषणा की थी. ऐसे में एक दिन पहले ही केरल में मानसून दस्तक दे रहा है.
केरल में हो रही प्री मानसून की बारिश
उधर, मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, पिछले कुछ दिनों से केरल में भारी बारिश हो रही है, जिसके कारण मई में अतिरिक्त बारिश हुई है. वहीं, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, नागालैंड, मेघालय, मिजोरम, मणिपुर और असम में मानसून की सामान्य शुरुआत की तारीख 5 जून है. आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार, दक्षिण अरब सागर के कुछ और हिस्सों, मालदीव, कोमोरिन, लक्षद्वीप के शेष हिस्सों, बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम और मध्य भाग, बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पूर्व और पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल होती जा रही हैं.
केरल में लगातार दो दिनों तक 2.5 मिमी की वर्षा
बता दें कि आईएमडी केरल में मानसून के आगमन की घोषणा तब करता है जब 10 मई के बाद किसी भी समय केरल के 14 स्टेशनों और पड़ोसी क्षेत्रों में लगातार दो दिनों तक 2.5 मिमी या उससे अधिक वर्षा होती है. कुल मिलाकर आउटगोइंग लॉन्गवेव रेडिएशन (ओएलआर) कम होता है और हवाओं की दिशा दक्षिण-पश्चिमी होती है.
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