Home EnvironmentWeather Explainer: कैसे दर्ज किया जाता है विश्वभर के मौसम विभाग में न्यूनतम और अधिकतम तापमान

Explainer: कैसे दर्ज किया जाता है विश्वभर के मौसम विभाग में न्यूनतम और अधिकतम तापमान

by Pooja Attri
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Weather Explainer: तेज गर्मी और लू के चलते राजस्थान में हालात खराब हो चुके हैं. बीते मंगलवार चुरू में 50.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ जो इस सीजन का सबसे ज्यादा तापमान था.

31 May, 2024

Explainer on Weather: राजस्थान में भीषण गर्मी और लू के चलते हालात खराब हो गए. चुरू में इस सीजन का सबसे ज्यादा तापमान 50.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 7.5 डिग्री ज्यादा है. जयपुर मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक शहर में दिन के वक्त पारा 46.6 डिग्री सेल्सियस, गंगानगर में 49.4 डिग्री सेल्सियस और झुंझुनू में 49 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. हालांकि राज्य में कई जगहों पर लोगों ने अपने खुद के थर्मामीटर का इस्तेमाल कर ज्यादा तापमान दर्ज किए जाने की बात कही.

मौसम विभाग द्वारा तापमान का आंकड़ा

जयपुर मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक ने इसे कुछ तरह से समझाया. आईएमडी, जयपुर के निदेशक राधे श्याम शर्मा ने कहा, ‘मौसम विभाग द्वारा तापमान का जो आंकड़ा दिया जाता है, ये सतह से 1.25 मीटर ऊंचाई पर हवा का तापमान है, न की किसी सतह का. अभी यदि हम किसी सतह का या सर्फेस का टेम्परेचर दोपहर के समय मापेंगे, चाहे वो रेत का अगर तापमान देखें या कोई मेटल की बॉड़ी है, या गाड़ी के सर्फेस के मेटलिक पार्ट का यदि हम टेम्परेचर देखें या कोई रोड़ पर भी आप लगाकर देखें, डामर रोड़ पर दोपहर में सूरज की रोशनी से वो जल्दी गर्म हो जाते हैं जिससे हवा की तुलना में उसका तापमान हमेशा ज्यादा हो सकता है.’

ये हैं तापमान मापने का खास तरीका

तापमान मापने के लिए जमीन से करीब चार फीट ऊपर खास डिब्बा बनाया जाता है जिसमें चार खास थर्मामीटर का इस्तेमाल किया जाता है. ड्राई बल्ब थर्मामीटर हवा का तापमान रिकॉर्ड करता है, जबकि वेट बल्ब थर्मामीटर नमी को मापता है. तीसरा थर्मामीटर अधिकतम तापमान और चौथा न्यूनतम तापमान को रिकॉर्ड करता है. चार थर्मामीटरों को इस तरह रखा जाता है कि सीधी धूप उन पर ना पड़े. निदेशक के मुताबिक दुनिया भर के मौसम कार्यालय इन अंतरराष्ट्रीय नियमों के मुताबिक ही न्यूनतम और अधिकतम तापमान रिकॉर्ड करते हैं. इस तरीके से दर्ज किए गए डेटा को ही मौसम वैज्ञानिक सही मानते हैं.

यह भी पढ़ें: Cyclone Remal In Assam: चक्रवात रेमल के कहर से उफान पर नदिया, लगातार बारिश से कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात

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