M. Karunanidhi Birth Anniversary: डॉ. एम. करुणानिधि भले ही दुनिया में नहीं हैं लेकिन उनका नाम हमेशा के लिए भारतीय राजनीति में अमर है.
03 June, 2024
M. Karunanidhi Birth Anniversary: डॉ. एम. करुणानिधि का जन्म 3 जून, 1924 में मुत्तुवेल और अंजुगम के यहां हुआ था. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत तमिल फिल्म इंडस्ट्री में बतौर स्क्रीनप्ले राइटर की. हालांकि, किस्मत करुणानिधि को राजनीति में खींच लाई. अगर उनकी जिंदगी में झांक कर देखें तो कहानी लिखते-लिखते करुणानिधि पूरे दक्षिण भारत के नायक बन गए थे. आलम ये रहा कि करुणानिधि 5 बार तमिलनाडु के CM बने और 13 बार विधायक. एम. करुणानिधि के राजनीतिक करियर की एक खास बात ये भी थी कि उन्होंने कभी कोई चुनाव नहीं हारा था.
करुणानिधि की पर्सनल लाइफ
करुणानिधि की पर्सनल लाइफ किसी फिल्म की कहानी से कम नहीं है. उन्होंने 3 शादियां कीं. साल 1944 में पद्मावती से करुणानिधि मिले और दोनों को एक-दूसरे से प्यार हो गया. फिर साल 1946 में पद्मावती और करुणानिधि ने शादी कर ली. पद्मावती उस दौर के मशहूर तमिल प्लेबैक सिंगर सीएस जयरामन की बहन थीं. बीमारी की वजह से शादी के 2 साल बाद ही पद्मावती का निधन हो गया. फिर करुणानिधि ने साल 1952 में दयालु अम्मल से दूसरी शादी की. दोनों के 4 बच्चे हुए. एमके अझागिरी, एकके थामिलारासु, एमके स्टालिन, और सेल्वी.
21 साल छोटी लड़की से प्यार
चुनाव प्रचार के दौरान 60 के दशक में कवि कन्नडासन के डांस ग्रुप की एक लड़की रजती से करुणानिधि की मुलाकात हुई. करुणानिधि को खुद से 21 साल छोटी रजती से प्यार हो गया. पार्टी नेताओं से आशीर्वाद लेकर करुणानिधि और रजती ने साथ रहने का फैसला किया. साल 1968 में दोनों की बेटी हुई जिसका नाम केनिमोझी है.
आडवाणी को चुनौती
DMKअध्यक्ष एम. करुणानिधि ने भगवान राम और रामसेतु पर दिए बयान दिया और BJP के नेता लालकृष्ण आडवाणी को चुनौती तक दे डाली थी कि वो कभी भी उनसे रामायण पर चर्चा कर लें. करुणानिधि के बयान की वजह से उनकी खूब आलोचना भी हुई. उनसे अपना बयान वापस लेने की मांग भी की.
इस महिला नेता से पंगा लेना पड़ा भारी
एक फील्ड के दो लोगों के बीच दुश्मनी आम सी बात है. हालांकि, करुणानिधि को जयललिता से पंगा महंगा पड़ गया. लोग दोस्ती निभाते हैं पर इन दोनों ने अपनी दुश्मनी को बखूबी निभाया. दरअसल, ये बात साल 1989 की है जब विपक्ष की नेता के तौर पर जयललिता ने सीएम करुणानिधि द्वारा उनपर मुकदमा चलाने का जिक्र किया. उस वक्त करुणानिधि ने बजट पेश करना बस शुरू ही किया था और जयललिता ने विरोध कर दिया. बस फिर क्या था, करुणानिधि ने फाइल फेंकी, उनका चश्मा भी टूट गया. प्रतिक्रिया में किसी ने जयललिता की साड़ी खींच डाली.
जयललिता ने खाई कसम
अपने इस अपमान के लिए जयललिता ने करुणानिधि को कभी माफ नहीं किया. उन्होंने कसम खाई कि जब करुणानिधि सत्ता से बाहर होंगे तभी वो विधानसभा में वापस आएंगी. इसके बाद से दोनों एक-दूसरे के कट्टर दुश्मन हो गए. इतना ही नहीं करुणानिधि ने भ्रष्टाचार को लेकर जयललिता को जेल भी भिजवाया. वहीं, जब जयललिता के हाथ सत्ता आई तो उन्होंने आधी रात करुणानिधि को उनके घर से गिरफ्तार करवा दिया. खैर, इसके बाद भी उनके चाहने वालों में खास कमी नहीं आई. 7 अगस्त, 2018 को अस्पताल में करुणानिधि का देहांत हो गया.
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