Lok Sabha Election Result: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों ने सभी को हैरान कर दिया है. वहीं, फैजाबाद सीट पर BJP की हार ने सभी को चौंका दिया है, क्येंकि राम मंदिर बनाना BJP के प्रमुख चुनावी मुद्दों में से एक था.
07 June, 2024
Lok Sabha Election Result: फैजाबाद सीट से BJP उम्मीदवार की हार के बाद से ही अयोध्या ट्रेंड में है. सोशल मीडिया से लेकर तमाम प्लेटफॉर्म्स पर हार के लिए अयोध्या के लोगों को कोसा जा रहा है. इन लोगों की दलील है कि जिस जमीन पर राम मंदिर बनाने का सपना साकार हुआ, उसके बाद यहां के वोटरों ने BJP के उम्मीदवार को क्यों हरा दिया. BJP के उम्मीदवार लल्लू सिंह फैजाबाद सीट से दो बार से जीत रहे थे, लेकिन इस बार फैजाबाद के लोगों ने समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद को जीत का माला पहना दिया. इसके बाद से ही तमाम BJP समर्थक अयोध्या के लोगों के खिलाफ अपनी नाराजगी जता रहे हैं. लेकिन अयोध्या के संत मानते हैं, हार के लिए यहां के लोगों को कोसना ठीक नहीं.
आरोप- नड्डा ने क्यों बोला संघ की जरूरत नहीं?
BJP की हार के पीछे एक वजह अयोध्या के संत जगतगुरु परमहंस आचार्य बताते हैं. इसके लिए वो BJP अध्यक्ष जे. पी. नड्डा को जिम्मेदार ठहराते हैं. वो कहते हैं, ‘जे. पी. नड्डा ने बयान दिया था कि RSS की जरूरत अटल जी के टाइम पर पड़ती थी, अब BJP बहुत मजबूत है, आरएसएस की जरूरत नहीं है. ये बयान भी BJP के हार का कारण है. आरएसएस की उपेक्षा हुई, हिंदू संगठनों की अपेक्षा हुई. हिंदू संगठन दिन रात निस्वार्थ BJP के लिए लड़ते हैं. आरएसएस BJP की रीढ की हड्डी है. अगर आरएसएस हट गई तो BJP का वजूद नहीं बचेगा.’
क्या यूपी में हुई भितरघात?
संत जगतगुरु परमहंस आचार्य हार के पीछे एक और आशंका जताते हैं. वो बताते हैं, BJP की जो सीटें कम हुईं है उसका एक बड़ा कारण पार्टी के अंदर की गुटबाजी. लोक सभा चुनाव में BJP के नेताओं ने दूसरे को हराने के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी. परमहंस चाहते हैं, भितरघात हुआ है उसकी समीक्षा होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सिर्फ अयोध्यावासियों को गाली देने से बात नहीं बनेगी.
अयोध्या के लोग BJP से क्यों नाराज थे?
फैजाबाद सीट से BJP की हार इसलिए भी चौंकाने वाली है, क्योंकि अयोध्या में इसी साल 22 जनवरी को भव्य राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी. इस मौके पर बड़ा समारोह हुआ था. उसके बाद से पूरे देश और विदेशों से भी लाखों की तादाद में लोग यहां राम लला के दर्शन के लिए आ रहे थे. राम के नाम पर पूरे अयोध्या जिले में माहौल बना हुआ था.स्थानीय लोगों के मुताबिक BJP की हार की वजह गांवों के वोटरों का गुस्सा था. राम मंदिर के आसपास किए गए विकास के कामों की वजह से वहां रह रहे लोगों को कई परेशानियां हुई. श्रद्धालुओं के लिए गलियारे बनाने और शहर की खूबसूरती बढ़ाने के लिए लोगों के घरों और दुकानों को तोड़ा गया था. यहां कई लोगों का कहना है कि उन्हें वाजिब मुआवजा तक नहीं दिया गया.
यह भी पढ़ें : भारतीय रिजर्व बैंक ने लगातार आठवीं बार रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर रखा कायम