Parliament Session: कांग्रेस पार्टी के नेता और रायबरेली से सांसद राहुल गांधी लोकसभा में अब विपक्ष के नेता होंगे. उन्हें पहली बार लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाया गया.
26 June, 2024
Parliament Session: कांग्रेस नीत I.N.D.I.A. गठबंधन की ओर से लोकसभा में राहुल गांधी को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है. राहुल गांधी अपने 20 साल के राजनीतिक करियर में पहली बार यह संवैधानिक पद संभालेंगे. राहुल गांधी इस पद पर रहने वाले गांधी परिवार के तीसरे सदस्य होंगे. आइए आपको बताते हैं कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष की क्या भूमिका होती है और उसके पास कितनी ताकत होती है.
सरकारी बंगला और दफ्तर मिलेगा
संसद में नेता प्रतिपक्ष का पद कैबिनेट मंत्री के समान होता है. इस पद पर रहने वाले नेता को केंद्रीय मंत्री के समान वेतन, भत्ता और अन्य सुविधाएं दी जाती हैं. नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद राहुल गांधी को कैबिनेट मंत्री की तरह सरकारी बंगला और सचिवालय में एक दफ्तर दिया जाएगा.
3 लाख 30 हजार रुपए मिलेगा वेतन
राहुल गांधी को नेता प्रतिपक्ष बनने पर हर माह वेतन और दूसरे भत्तों के लिए 3 लाख 30 हजार रुपये दिए जाएंगे. सांसद के तौर पर राहुल गांधी को हर महीने 1 लाख रुपये वेतन और 45 हजार रुपये भत्ता भी मिलेगा.
PM के साथ बैठेंगे राहुल गांधी
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष बनने पर राहुल गांधी को कई सारी शक्तियां मिलेंगी. नेता प्रतिपक्ष के तौर पर राहुल गांधी उसी टेबल पर बैठेंगे, जहां प्रधानमंत्री मोदी बैठेंगे और ऐसा पहली बार होगा.
राहुल को मिलेंगी कई शक्तियां और अधिकार
राहुल गांधी को नेता प्रतिपक्ष के रूप में कई शक्तियां और अधिकार मिलेंगे. वह प्रधानमंत्री के साथ मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) सहित चुनाव आयोग के दो अन्य सदस्यों की नियुक्ति का चयन करने वाले प्रमुख पैनल का हिस्सा होंगे. राहुल गांधी लोकपाल, ED-CBI डायरेक्टर, CVC (सेंट्रल विजिलेंस कमिश्नर), सेंट्रल इन्फॉर्मेशन कमिश्नर (CIC) , NHRC प्रमुख को चुनने वाली समितियों के भी सदस्य होंगे. इन फैसलों में प्रधानमंत्री मोदी को नेता प्रतिपक्ष के तौर पर राहुल गांधी से भी सहमति लेनी होगी.
आर्थिक फैसलों की समीक्षा करने की शक्ति
कांग्रेस नेता राहुल गांधी अब नेता प्रतिपक्ष के रूप में सरकार के आर्थिक फैसलों की लगातार समीक्षा कर पाएंगे और सरकार के कामकाज पर अपनी नजर रखेंगे. सरकार के फैसलों पर अपनी टिप्पणी करने का अधिकार रहेगा. राहुल गांधी लोक लेखा समिति (PAC) के भी प्रमुख बन जाएंगे, जो सरकार के खर्चों की जांच करती है.
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