Online Junk Food Marketing : हेल्थ को नुकसान पहुंचाने वाले जंक फूड के विज्ञापनों पर यूनाइटेड किंगडम सरकार ने सख्ती बरतने की बात कही है.
Online Junk Food Marketing : ऑस्ट्रेलियाई सरकार अब ऐसे जंक फूड की पहचान कर रही है जो लोगों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं. सरकार का कहना है कि ऐसे खाद्य पदार्थों (Food Items) के विज्ञापनों को प्रतिबंध किया जाना चाहिए. दूसरी तरफ, यूनाइटेड किंगडम ऐसी जंक फूड के विज्ञापनों पर अलग से कार्रवाई कर सकता है. हेल्थ के नुकसान पहुंचाने वाले फूड्स के विज्ञापनों से युवा पुरुषों और बच्चों को ज्यादा आकर्षित किया जाता है. वहीं, यूनाइटेड किंगडम में ऑनलाइन अस्वास्थ्यकर फूड और पेय पदार्थों (Beverages) के विज्ञापन पर प्रतिबंध अक्टूबर 2025 से शुरू होगा.
जंक फूड के सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा विज्ञापन
आम लोगों ने भी स्वास्थ्य को फायदा पहुंचाने वाले प्रोडक्ट की मांग करनी शुरू कर दी है. ऐसे में सरकारें भी एक्शन मोड में आ गई है. अगर ऐसे फूड को बेचने से नहीं रोका जाता है तो उनपर कार्रवाई की जाएगी. ऑस्ट्रेलियाई विज्ञापन वेधशाला ने पता लगाने की कोशिश की है कि सोशल मीडिया पर कौन से विज्ञापन (Advertisement) देखते हैं और उन्हें कैसे लक्षित किया जाता है. वेधशाला ने स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने फूड की पहचान की, जिसमें मुख्य रूप से वसा और शर्करा की मात्रा अधिक होती है. इनमें फास्ट-फ़ूड भोजन, कन्फ़ेक्शनरी, मीठे पेय और स्नैक्स शामिल हैं.
कई दिग्गज कंपनियां भी हैं शामिल
वेधशाला ने उन कंपनी पर नजर रखनी बात कही है जो ऐसे जंक फूड को सप्लाई करते हैं और 141 विभिन्न विज्ञापनदाताओं द्वारा बनाए गए लगभग 2,000 अनूठे विज्ञापन पाए, जिन्हें लगभग 6,000 बार देखा गया. बता दें कि फास्ट-फूड की दिग्गज कंपनियों KFC और McDonald’s ने संयुक्त रूप से सभी अस्वास्थ्यकर खाद्य विज्ञापन में से लगभग 25 प्रतिशत का योगदान दिया है. कैडबरी जैसे स्नैक और कन्फेक्शनरी ब्रांड, विज्ञापन अवलोकनों के एक तिहाई में शामिल थे. कोका-कोला जैसे सॉफ्ट ड्रिंक ब्रांड को 11 प्रतिशत बढ़ावा दिया गया.