Muhammad Yunus Profile : बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के बाद वह देश छोड़ चुकीं हैं. ऐसे में नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को बांग्लादेश का नया प्रधानमंत्री बनाया जा सकता है.
06 August, 2024
Muhammad Yunus Profile : बांग्लादेश में तख्तापलट होने के बाद सियासत गरमा गई है. ताजा राजनीतिक घटनाक्रम में बांग्लादेश की सेना ने अंतरिम सरकार के गठन का एलान किया है. साथ ही बताया यह भी जा रहा है कि इस सरकार में सत्तारूढ़ अवामी लीग का कोई नेता शामिल नहीं होगा. एक तरफ ढाका के स्थानीय लोगों का प्रर्दशन और ज्यादा उग्र होता जा रहा है तो दूसरी तरफ जनता के बीच यह सवाल भी है कि अब आखिर कौन बनेगा बांग्लादेश का प्रधानमंत्री? किसके हाथों में जाएगी प्रधानमंत्री पद की कमान?
नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित हैं मोहम्मद यूनुस
सूत्रों के मुताबिक, देश की सेना भी नोबेल पुरस्कार विजेता यूनुस के पीएम बनने के पक्ष में है. बांग्लादेश के एक सामाजिक उद्यमी, बैंकर, अर्थशास्त्री और नागरिक समाज के नेता मोहम्मद युनुस का जन्म 28 जून 1940 को हुआ था. साथ ही उन्होंने ग्रामीण बैंक की स्थापना की और माइक्रोक्रेडिट और माइक्रोफाइनेंस के विचारों को जन्म दिया. इसके लिए उन्हें साल 2006 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया. जो उद्यमी इतने गरीब हैं कि वह पारंपरिक बैंक कर्ज के लिए पात्र नहीं हैं, उन्हें ये कर्ज दिए जाते हैं. यूनुस और ग्रामीण बैंक को एक साथ ‘माइक्रोक्रेडिट के माध्यम से नीचे से आर्थिक और सामाजिक विकास करने के उनके प्रयासों के लिए’ नोबेल शांति पुरस्कार मिला था.
नई राजनीतिक पार्टी बनाने की थी घोषणा
बांग्लादेश के अधिकारियों ने साल 2011 में वैधानिक ग्रामीण बैंक की गतिविधियों की समीक्षा शुरू की और सरकारी सेवानिवृत्ति विनियमन का उल्लंघन करने के आरोप में यूनुस को इसके संस्थापक प्रबंध निदेशक के पद से हटा दिया. उन पर दर्जनों मामले दर्ज थे. जनवरी में, यूनुस को श्रम कानून के उल्लंघन के आरोप में एक अदालत ने छह महीने जेल की सजा सुनाई थी. कई लोगों का मानना है कि 2007 में जब देश में सैन्य समर्थित सरकार चल रही थी और हसीना जेल में थीं, तब यूनुस ने एक राजनीतिक पार्टी बनाने की घोषणा की थी, जिससे हसीना नाराज हो गई थीं. हालांकि, यूनुस ने योजना का पालन नहीं किया, लेकिन उस समय उन्होंने बांग्लादेशी राजनेताओं की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि वे केवल पैसे में रुचि रखते थे.
गरीबी उन्मूलन के क्षेत्र में किया उम्दा काम
28 जून, 1940 को जन्में मोहम्मद यूनुस बांग्लादेश के एक सामाजिक उद्यमी होने के साथ-साथ बैंकर और अर्थशास्त्री भी हैं. नोबेल पुरस्कार विजेता को पूरे देश में सम्मान के नजरिये से देखा जाता है. जुनूनी शख्सियत यूनुस ने साल 1983 में ग्रामीण बैंक की स्थापना की थी. इसका मकसद गरीब लोगों को छोटे कर्ज मुहैया कराना है, जिससे वह उद्मम स्थापित करके अपनी जीवनशैली बेहतर कर सकें. इसका असर यह हुआ कि बांग्लादेश में बड़ी संख्या में लोगों ने इसका लाभ उठाया अपना जीवन स्तर बेहतर किया.
कई पदों पर निभाई जिम्मेदारी
मोहम्मद यूनुस ने 1998 से 2021 तक संयुक्त राष्ट्र फाउंडेशन के निदेशक मंडल के सदस्य के तौर अपनी जिम्मेदारी निभाई. वर्ष 2011 में सास्किया ब्रुइस्टेन, सोफी ईसेनमैन और हंस रीट्ज के साथ मिलकर यूनुस सोशल बिजनेस – ग्लोबल इनिशिएटिव्स की सह-स्थापना की. इसका मकसद भी लोगों का जीवनस्तर उठाना था. वर्ष 2012 में उन्हें स्कॉटलैंड के ग्लासगो कैलेडोनियन विश्वविद्यालय का चांसलर बनाया गया और 6 वर्ष तक यानी 2018 तक वह इस पद पर अपनी जिम्मेदारी निभाते रहे.
नोबेल पुरस्कार विजेता को हो चुकी है सजा
मोहम्मद यूनुस पर कई गंभीर आरोप लगे हैं और 23 लाख डॉलर गबन करने के मामले में भी जेल की सजा सुनाई जा चुकी है. कारोबारी के रूप में ग्रामीण टेलीकॉम के पास बांग्लादेश के सबसे बड़े मोबाइल फोन ऑपरेटर ग्रामीणफोन में 34.2 प्रतिशत हिस्सेदारी है. मोहम्मद यूनुस के आरोपों में 250 मिलियन से अधिक का गबन और मनी लॉन्ड्रिंग भी शामिल है. 18 फरवरी, 2007 को मोहम्मद यूनुस ने नागरिक शक्ति नाम से एक राजनीतिक पार्टी बनाई थी. मोहम्मद यूनुस को इस साल श्रम कानून के उल्लंघन के आरोप में बांग्लादेश की एक कोर्ट ने छह महीने की सजा भी सुनाई थी. हालांकि बाद में मार्च में उन्हें जमानत दे दी गई थी.
मिले कई पुरस्कार
गरीबी उन्मूलन की दिशा में उम्दा कार्य के लिए 2006 में मोहम्मद यूनुस को नोबेल शांति पुरस्कार मिल चुका है. इसके तीन वर्ष बाद 2009 में उन्हें यूनाइटेड स्टेट्स प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम से पुरस्कार मिला. इसके अगले वर्ष यानी 2010 में मोहम्मद यूनुस को कांग्रेसनल गोल्ड मेडल प्रदान किया गया. इसके अलावा उन्हें कई और सरकारी और गैरसरकारी अवॉर्ड्स भी मिल चुके हैं.
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