AFSPA Removed : पूर्वोत्तर भारत में स्थानीय निवासी कई सालों से AFSPA के तहत तैनात सशस्त्र बलों को हटाने की मांग की जा रही थी. दूसरी तरफ केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने कहा कि बीते 10 सालों में अशांत क्षेत्रों में कमी आने के बाद AFSPA को हटाया गया.
06 August, 2024
AFSPA Removed : पूर्वोत्तर भारत के कई अशांत क्षेत्रों में कमी आने के बाद सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) एक्ट (AFSPA) को धीरे-धीरे हटाया गया है. एक्ट को लेकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय (Nityanand Rai) ने मंगलवार को संसद में कहा कि AFSPA को त्रिपुरा और मेघालय से पूरी तरह से हटा लिया गया है. बता दें कि इस एक्ट के तहत सशस्त्र बलों को तलाशी लेने, गिरफ्तार करने और गोली चलाने का व्यापक अधिकार मिलता है.
पूर्वोत्तर में कई अशांत क्षेत्रों से सशस्त्र बलों को हटाया
मंत्री ने कहा कि असम में चार जिलों को छोड़कर पूरे राज्य से AFSPA हटा लिया गया है. नित्यानंद राय ने संसद को बताया कि अरुणाचल प्रदेश में सशस्त्र बल को धीरे-धीरे हटाया जा रहा है और वर्तमान समय में नामसाई जिले के तीन पुलिस थाना (तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग) में लागू है. वहीं, मणिपुर में सात जिलों के 19 पुलिस थाना क्षेत्रों से यह कानून हटाया गया है और नगालैंड में भी इसे आंशिक रूप से हटा लिया गया है. उन्होंने कहा कि अब केवल 8 जिलों तथा 5 अन्य जिलों की 21 पुलिस चौकी पर तैनात है.
10 सालों में उग्रवाद की घटनाओं में कमी आई
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने दावा किया कि साल 2014 में मोदी सरकार के आने के बाद पूर्वोत्तर राज्यों में शांति क्षेत्रों की संख्या बढ़ी है. साथ ही 2014 की तुलना में बीते दस सालों में उग्रवाद की घटनाओं में करीब 71 प्रतिशत की कमी आई है. दूसरी तरफ सुरक्षा बलों के जवानों की मौत की संख्या में 60 प्रतिशत की कमी आई है और साल 2023 में नागरिकों की मौत में भी करीब 82 प्रतिशत कमी की आई है.
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