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Hindenburg की नई रिपोर्ट में SEBI की चेयरपर्सन को लेकर चौंकाने वाला दावा, माधबी-धवल ने नकारे आरोप; सामने आई अडानी ग्रुप की भी सफाई

by JP Yadav
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Hindenburg Research: Hindenburg's new report made a shocking claim about SEBI chairperson, opposition got angry; Congress surrounded the center

Hindenburg Research : शॉर्ट-सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च का कथित आरोप है कि सेबी प्रमुख माधबी बुच के पास अडानी घोटाले में इस्तेमाल किए गए अस्पष्ट ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी.

Hindenburg Research : शॉर्ट-सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक बार फिर चौंकाने वाला दावा करके भारतीय राजनीति में खलबली मचा दी है. ताजा खुलासे में कहा गया है कि अडानी मनी साइफ़निंग स्कैंडल (Adani Money Siphoning Scandal) में इस्तेमाल हुए ऑफशोर फंड्स में SEBI के चेयरपर्सन की भी हिस्सेदारी रही है. इसके बाद कांग्रेस समेत अन्य दलों ने केंद्र में सत्तासीन नरेन्द्र मोदी सरकार को घेरा है, जबकि हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट को लेकर सेबी की चेयरपर्सन और उनके पति की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने बयान जारी करके कथित आरोपों को निराधार बताया है.

बयान जारी कर माधबी बुच-धवल बुच ने आरोप नकारे

माधबी बुच और उनके पति धवल बुच ने बयान जारी करके सारे आरोपों को नकार दिया है. उन्होंने कहा कि हम रिपोर्ट में लगाए गए निराधार आरोपों और आक्षेपों का साफतौर पर खंडन करते हैं. पति-पत्नी ने दावा किया है कि हिंडनबर्ग के आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है. माधबी बुच और उनके पति धवल बुच ने अपने बयान में कहा कि हमारा जीवन और वित्तीय स्थिति एक खुली किताब है. इस संबंध में सभी चीजें और खुलासे SEBI के समक्ष हैं और हमें किसी भी वित्तीय दस्तावेजों का खुलासा करने में कोई हिचकिचाहट नहीं है. बयान में यह भी कहा है कि जल्द ही दोनों एक विस्तृत बयान जारी करेंगे. उन्होंने इस बात पर भी हैरत जताई कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ सेबी ने कार्रवाई की है और कारण बताओ नोटिस जारी किया है, अब उसी के जवाब में चरित्र हनन का प्रयास करने का विकल्प अपनाया गया है.

हिंडनबर्ग के आरोपों पर आई अडानी ग्रुप की भी सफाई

SEBI चेयरपर्सन के बाद अडानी समूह ने भी हिंडनबर्ग के आरोपों को सिरे से खारिज किया है और इसे आधारहीन बताया है. हिंडनबर्ग की ताजा रिपोर्ट को लेकर अडानी समूह ने प्रतिक्रिया में कहा कि हिंडनबर्ग के आरोप सिरे से गलत हैं. कंपनी ने कहा कि सेबी चीफ माधबी पुरी बुच के साथ उसका कोई व्यावसायिक रिश्ता नहीं है. कंपनी ने आगे कहा कि विदेशी होल्डिंग का उनका स्ट्रक्चर पूरी तरह से साफ और पारदर्शी है. अडानी समूह ने अपने बयान में यह भी कहा कि हिंडनबर्ग के सभी आरोप दुर्भावनापूर्ण हैं. इसके साथ ही यह भी कहा कि रिपोर्ट में तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है.

निजी मुनाफे का लगाया आरोप

अडानी ग्रुप का कहना है कि यह सब हमें बदनाम करने वाले दावों की रि-साइकलिंग है. अडानी समूह ने कंपनी पर निजी मुनाफे के लिए पूर्व निर्धारित निष्कर्ष पर पहुंचने का आरोप लगाया. इसके साथ ही अडानी समूह ने कहा है कि हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच पहले ही काफी गहराई से की जा चुकी है और वे पूरी तरह से निराधार साबित हुए हैं। समहू ने कहा कि ये सभी आरोप सुप्रीम कोर्ट द्वारा जनवरी 2024 में पहले ही खारिज कर दिए गए हैं.

स्टॉक की कीमत बढ़ाने का आरोप

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च का आरोप है कि बाजार नियामक सेबी की अध्यक्ष माधबी बुच और उनके पति के पास अडानी मनी साइफनिंग घोटाले में इस्तेमाल किए गए अस्पष्ट ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी. हिंडनबर्ग ने एक ब्लॉगपोस्ट के अनुसार, सेबी की वर्तमान अध्यक्ष माधबी बुच और उनके पति के पास अडानी मनी साइफनिंग घोटाले में इस्तेमाल किए गए दोनों अस्पष्ट ऑफशोर फंडों में हिस्सेदारी थी. यह भी कहा गया है कि इस्तेमाल फंड को राउंड-ट्रिप करने और स्टॉक की कीमत बढ़ाने के लिए किया गया है. इसके साथ ही हिंडेनबर्ग की ओर से यह भी कहा गया है कि आईआईएफएल में एक प्रिंसिपल द्वारा हस्ताक्षरित फंड की घोषणा में कहा गया है कि निवेश का स्रोत ‘वेतन’ है और दंपती की कुल संपत्ति 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर आंकी गई है.

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सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था मामला

बता दें कि अडानी को लेकर पिछले साल भी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आई थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने बाजार नियामक सेबी से अपनी जांच पूरी करने और नियामक खामियों की जांच के लिए एक अलग विशेषज्ञ पैनल गठित करने के लिए कहा था. पैनल ने अडानी पर कोई प्रतिकूल रिपोर्ट नहीं दी और सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा कि सेबी द्वारा की जा रही जांच के अलावा किसी अन्य जांच की आवश्यकता नहीं है. इसके बाद यह मामला ठंडा पड़ गया था, लेकिन अब हिंडनबर्ग की ताजा रिपोर्ट ने फिर विपक्ष को केंद्र सरकार पर हमला करने का मौका दे दिया है. वहीं, केंद्र सरकार, BJP, SEBI और अडानी समूह ने हिंडनबर्ग की नीयत पर सवाल उठाए हैं.

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