Natwar Singh Passes Away: पूर्व विदेश मंत्री के. नटवर सिंह का शनिवार (10 अगस्त) रात लंबी बीमारी के बाद गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया. शाही परिवार में जन्म लेने वाले नटवर सिंह को पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया था.
11 August, 2024
Natwar Singh Passes Away: पूर्व विदेश मंत्री के. नटवर सिंह का शनिवार (10 अगस्त) रात लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. 93 साल के. नटवर सिंह ने गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली. इसके बाद 12 अगस्त को दिल्ली के लोधी रोड श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. उनके परिवार वालों ने बताया कि खराब स्वास्थ्य की वजह से पिछले हफ्ते से ही वो अस्पताल में भर्ती थे.
कैसे रहा जिंदगी का सफर?
आपको बता दें कि नटवर सिंह का जन्म राजस्थान के भरतपुर में हिंदू परिवार में हुआ था. उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई ग्वालियर के स्किंदा स्कूल से पूरी की. साथ ही उन्होंने अपनी आगे की पढ़ाई अजमेर के mayo college से की. उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से अपनी Bachelor’s degree
ली. इसके बाद वो चीन में पेकिंग विश्वविद्यालय में एक अवधि के लिए विजिटिंग स्कॉलर रहे. नटवर सिंह ने अपनी जिंदगी में काफी कुछ देखा, उन्होंने अपनी पॉलिटिकल जर्नी शुरू करने से पहले भारत में एक विदेश अधिकारी के रूप में काम किया. इसके बाद साल1985 में वो कांग्रेस में शामिल हो गए थे और साल 1986 में वो मंत्री भी चुने गए. इतना ही नहीं नटवर सिंह को पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया था.
न्यूयॉर्क, चीन समेत कई देशों में किया काम
नटवर सिंह साल 1953 में भारतीय विदेश अधिकारी के तौर पर काम करना शुरू किया था और इसी पेशे में उन्होंने अपनी जिंदगी के 31 साल दे दिए. भारत के साथ-साथ उन्होंने न्यूयोर्क में और चीन समेत कई देशों में भी काम किया. इतना ही नहीं उन्होंने 1963 और 1966 के बीच कई संयुक्त राष्ट्र समितियों में भी काम किया.
‘कांग्रेस’ नहीं ‘भारतीय इंदिरा कांग्रेस’ दिया नई पार्टी को नाम
बात अगर साल 1991 के चुनावों की करें तो, उस वक्त कांग्रेस पार्टी सत्ता में लौटी थी और राजीव गांधी की हत्या के बाद पीवी नरसिम्हा राव को प्रधानमंत्री बनाया गया. हालांकि, पीवी नरसिम्हा के साथ मतभेद होने के बाद के. नटवर सिंह ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी और अखिल भारतीय इंदिरा कांग्रेस नाम से नई राजनीतिक पार्टी बना ली थी. फिर कुछ समय बाद साल 2002 में वह राजस्थान से राज्यसभा के लिए (अप्रत्यक्ष रूप से) चुने गए थे. इसके बाद साल 2004 में कांग्रेस पार्टी सत्ता में वापस आई और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नटवर सिंह को विदेश मंत्री नियुक्त किया था.
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