Wakf Bill : वक्फ विधेयक पर विपक्ष की तरफ से आम सहमति नहीं बनने के बाद इसे स्टैंडिंग कमेटी के पास भेज दिया गया. बिल को लेकर शिवसेना ने कहा कि मुसलमानों को भी विश्वास में लेने की जरूरत है.
12 August, 2024
Wakf Bill : वक्फ विधेयक पर लोकसभा में आम सहमति नहीं बनने के बाद इसे स्टैंडिंग कमेटी के पास भेज दिया गया है. इसपर विवाद उठने के बाद शिवसेना सांसद संदिपानराव भुमरे (Sandipanrao Bhumre) ने कहा कि वक्फ अधिनियम में कोई भी संशोधन करने से पहले आम सहमति बनाने की जरूरत है. साथ ही मुस्लिम समुदाय को भी विश्वास में लेने की जरूरत है. विधेयक में वक्फ बोर्डों को नियंत्रित करने के लिए संशोधित प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें मुस्लिम और गैर मुस्लिम महिलाओं के प्रतिनिधित्व की बात कही गई है.
मुसलमानों को निशाना बनाने का प्लान!
वहीं, वक्फ (संशोधन) विधेयक में वक्फ अधिनियम, 1995 का नाम बदलकर एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास अधिनियम, 1995 करने का प्रस्ताव किया गया है. विधेयक गुरुवार को लोकसभा में पेश किया गया था और इस पर विपक्ष की तरफ से आम सहमति नहीं बनने के बाद संसद की संयुक्त समिति के पास भेज दिया. सत्ता पक्ष ने कहा कि इस कानून का उद्देश्य मस्जिद में दखलदांजी करने का नहीं है. वहीं, विपक्ष ने कहा कि यह मुसलमानों को टारगेट करने के लिए कानून लाया गया है.
संशोधन करने से पहले विचार-विमर्श करना चाहिए
महाराष्ट्र के जालना जिले में रविवार को एक सम्मान समारोह में शिसेना सांसद संदिपानराव भुमरे ने कहा कि इस बिल पर सदन में आम सहमति बननी चाहिए. अगर सरकार इसमें किसी प्रकार का संशोधन करना चाहती है तो मुस्लिम समुदाय को भी विश्वास में लेना चाहिए. दूसरी तरफ शिवसेना नेता और महाराष्ट्र सरकार में पूर्व मंत्री अर्जुन खोतकर (Arjun Khotkar) ने कहा कि सरकार को वक्फ विधेयक में संशोधन करने से पहले विचार-विमर्श करना चाहिए. उन्होंने कहा कि वक्फ का मतलब है कि मुसलमानों की तरफ से दान की संपत्ति देना है. खोतकर ने कहा कि उनकी पार्टी को किसी नकारात्मक धारणा से बचने के लिए मु्स्लिम समुदाय को विश्वास लेना चाहिए.
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