Independence Day 2024: नोएडा के नलगढ़ा गांव में क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह अपने साथियों के साथ मिलकर बम बनाते थे. इसी गांव में अंग्रेज सेना पर हमला करने की योजना भी बनाई गई थी.
14 August, 2024
Independence Day 2024: देश को आजाद कराने में नोएडा के नलगढ़ा गांव का अहम योगदान रहा है. क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, राजगुरु और सुखदेव इसी गांव में मिलकर बम बनाते थे. करीब तीन साल तक सभी इसी गांव में छिपकर बम बनाने का काम करते रहे. नोएडा के सेक्टर 145 का नलगढ़ा गांव ही वो जगह है जहां अंग्रेज सेना पर हमला करने की योजना भी बनाई गई थी. जिस पत्थर पर रखकर बारूद और अन्य सामग्रियों को मिलाया जाता था वह आज भी इस गांव में मौजूद है.
असेंबली पर फेंका गया बम भी यहीं बनाया गया
दिल्ली से महज कुछ ही किलोमीटर दूर भगत सिंह अपने साथियों के साथ मिलकर बम बनाने का काम करते थे. अंग्रजी शासन को इसकी भनक तक नहीं लगी थी. भगत सिंह ने इसी गांव में बनाए बम को नई दिल्ली स्थित ब्रिटिश हुकूमत की तत्कालीन सेंट्रल असेंबली के सभागार में फेंका था. इसी मामले में उन पर मुकदमा चला था और फिर उन्हें फांसी दे दी गई थी.
नौजवानों को आजादी की लड़ाई के लिए दी जाती थी ट्रेनिंग
नोएडा के सेक्टर-145 में स्थित नलगढ़ा गांव पहले हरनंदी (हिंडन) और यमुना नदी के बीच में था. पेड़ों से घिरा होने के कारण किसी की भी इस पर नजर नहीं जाती थी. नलगढ़ा गांव में शहीद विजय सिंह पथिक का बड़ा आश्रम था. इस आश्रम में नौजवानों को आजादी की लड़ाई के लिए ट्रेनिंग दी जाती थी. इसका फायदा देश के अन्य क्रांतिकारियों ने भी उठाया. भगत सिंह जैसे महान क्रांतिकारियों ने भी यही पनाह ली थी. इसी आश्रम में रहकर भगत सिंह बम बनाया करते थे. गांव में बिखरी निशानियां आज भी इसकी गवाही देती हैं.
गुरुद्वारे में रखा है पत्थर
बताया जाता है कि नलगढ़ा गांव के गुरुद्वारे में उस पत्थर को रखा गया है, जिस पर भगत सिंह बम बनाते थे. पत्थर में दो गड्ढे हैं, जिनमें बम बनाने के लिए बारूद को मिलाया जाता था.लेकिन दुख की बात है कि आज भी यह जगह लोगों की नजरों से ओझल है. नलगढ़ा गांव के लोग लगातार शहीद भगत सिंह पार्क की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक पार्क नहीं बन पाया है.
विकास की बाट जोह रहा गांव
शहीद भगत सिंह के साथी करनैल सिंह की बहू मनजीत कौर का कहना है कि इस गांव में कोर्इ अधिकारी व नेता नहीं आते हैं. जिस जमीन पर शहीद भगत सिंह के नाम पर पार्क बनाया गया था, वह आज जंगल में तब्दील हो गया है. नलगढ़ा गांव आज भी विकास की बाट जोह रहा है. सिर्फ वादे किए जाते हैं, लेकिन उसे कभी पूरा नहीं किया जाता.
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