Good Maharaja Square : आज भी अगर आप पोलैंड जाएंगे तो आपको महाराजा के नाम पर कई सड़कें दिख जाएंगी.
21 August, 2024
Good Maharaja Square : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पोलैंड की यात्रा पर हैं. पीएम मोदी पोलिश राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा और पीए डोनाल्ड टस्क से मुलाकता करेंगे. पोलैंड यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री पोलिश राजधानी में ‘गुड महाराजा स्क्वायर’ पर पोलिश-भारतीय विरासत को श्रद्धांजलि देंगे. लेकिन सवाल है कि आखिर कौन हैं गुड महाराजा स्क्वायर जिनकी चर्चा पूरे देश में हो रही है. आपको जानकर हैरानी होगी कि गुड महाराजा स्क्वायर गुजरात के हैं, जिनको पोलैंड में काफी बड़ा दर्जा मिला हुआ है.
महाराजा के नाम पर कई सड़कें
गुजरात के महाराजा का नाम जाम साहब दिग्विजयसिंह जी है, जो कि जामनगर के महाराजा थे. आज भी अगर आप पोलैंड जाएंगे तो आपको महाराजा के नाम पर कई सड़कें दिख जाएंगी. दूसरे विश्व युद्ध के दौरान पोलैंड के 600 से अधिक पोलिश लोगों को उन्होंने शरण दी थी, जिन्में बच्चे और महिलाएं शामिल थीं. महाराजा ने सभी के लिए अपने घर के दरवाजे खोल दिए थे. महाराजा ने लगभग 9 सालों तक सभी लोगों को अपने पास रखा और उनके खाने व ठहरने की व्यवस्था की.
महाराजा ने अपने महल के दरवाजे खोल दिए
दरअसल, हिटलर ने जब पोलैंड पर आक्रमण कर दूसरे विश्व युद्ध की शुरूआत कर दी तो पोलैंड के सैनिकों ने 500 महिलाओं और करीब 200 बच्चों को एक जहाज पर बिठाकर समुद्र में छोड़ दिया. जहाज के
कैप्टन से कहा गया कि इन्हें किसी भी देश में ले जाओं, जो भी इन्हें शरण दें. फिर यह जहाज कई देशों में गई, लेकिन किसी ने भी इन्हें शरण नहीं दी और फिर अंत में यह जहाज गुजरात के जामनगर के तट पर आई. इसके बाद जामनगर के तत्कालीन महाराजा जाम साहब दिग्विजय सिंह ने सभी के लिए अपने महल के दरवाजे खोल दिए. इतना ही नहीं रियासत के सैनिक स्कूल में सभी बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था भी की गई.
अब भी शरणार्थीयों के वंशज आते हैं जामनगर
जामनगर में सभी शरणार्थी 9 साल तक रहे. महाराजा ने बच्चों की परवरिश काफी अच्छे से की. आपको जानकार हैरानी होगी कि इन्हीं शरणार्थी बच्चों में एक बच्चा बाद में पोलैंड का प्रधानमंत्री भी बना. बता दें कि अब भी हर साल शरणार्थीयों के वंशज जामनगर आते हैं और अपने पूर्वजों को याद करते है.
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