Lakhpati Didi Scheme : स्वयं सहायता समूह हमारे समाज के आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग की महिलाओं के सशक्तीकरण का जरिया बन गए हैं. ये ग्रुप इन महिलाओं को न सिर्फ आर्थिक आजादी देते हैं बल्कि समाज में मान-सम्मान दिलाने में भी मददगार साबित हो रहे हैं.
25 August, 2024
Lakhpati Didi Scheme : फरवरी 2024 में पेश किए गए अंतरिम बजट 2024 के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के दौरान Lakhpati Didi Scheme के बारे में विस्तार से उल्लेख किया था. तब से लेकर अब तक कई महिलाओं को इस योजना के तेहत काफी लाभ मिल चुका है. ऐसी ही एक कहानी है अमीना बानो की दरअसल, उत्तर प्रदेश में झांसी के धौर्रा गांव की 42 साल की अमीना बानो, 2018 में स्वयं सहायता समूह ‘गुलाब’ में शामिल हुईं थी. अमीना के मुताबिक इस कदम से उन्हें अपनी आमदनी बढ़ाने और छोटे बिजनेस शुरू करने में मदद मिली.
‘स्वयं सहायता समूह से मिली बड़ी मदद’
अपनी कोशिशों की वजह से अमीना बानो अपने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के लिए मिसाल बन गई हैं और गांव वाले भी उनका काफी सम्मान करते हैं. अमीना महिलाओं की कृषि उपज कंपनी ‘झलकारी बाई’ से भी जुड़ी हैं. वे कहती हैं कि स्वयं सहायता समूह ने उन्हें आत्मनिर्भर बनने में मदद की. इस दौरान उन्होंने बताया था कि देश में लाखों महिलाओं को इस योजना का लाभ मिल रहा है और अब इस योजना का लक्ष्य 2 करोड़ से बढ़ाकर 3 करोड़ कर दिया गया है. आज अमीना ने अपनी छोटी सी दुकान से एक बड़ा बिजनेस खड़ा किया है.
क्या है Lakhpati Didi Scheme ?
लखपति दीदी योजना (Lakhpati Didi Scheme) देश में गरीब महिलाओं को आर्थिक लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से शुरू की गई है. इस योजना के तहत अभी तक करीब 2 करोड़ महिलाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण दिया गया है और अब इसका दायरा बढ़ाकर 3 करोड़ कर दिया गया है. इस योजना में कौशल विकास प्रशिक्षण के तहत महिलाओं को प्लंबिंग, LED बल्ब बनाने के साथ ड्रोन संचालन और उनकी मरम्मत जैसी कई तरह की अन्य ट्रेनिंग भी दी जाती है, जिससे महिलाएं स्वावलंबी बन सके.
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