Hema Committee Report: साल 2017 में गठित तीन सदस्यीय न्यायमूर्ति हेमा कमेटी की रिपोर्ट 19 अगस्त 2024 को जारी की गई.
27 August, 2024
Hema Committee Report: न्यायमूर्ति हेमा कमेटी की रिपोर्ट ने मलयालम फिल्म इंडस्ट्री की पोल खोल कर रख दी है. रिपोर्ट में महिला कलाकारों के खिलाफ भेदभाव और यौन उत्पीड़न तथा दयनीय और अनैतिक काम की भयावह कहानियां सामने आई हैं. साल 2017 में गठित तीन सदस्यीय न्यायमूर्ति हेमा कमेटी की रिपोर्ट 19 अगस्त 2024 को जारी की गई. इससे पहले इसे साल 2019 में केरल सरकार को सौंपा गया था. इस दौरान रिपोर्ट में कुछ संशोधन किए गए थे.
जूनियर आर्टिस्ट और अभिनेत्रियों ने लगाए गंभीर आरोप
इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद मलयालम फिल्म इंडस्ट्री (Me Too movement) में भूचाल आ गया है. रिपोर्ट जारी होने के बाद कई तरह के आरोप भी सामने आए हैं. जानकारी के मुताबिक जूनियर आर्टिस्ट और अभिनेत्रियों ने सीनियर एक्टर्स पर दुष्कर्म का आरोप लगाया है. साथ ही कई लोगों पर दुर्व्यवहार का भी आरोप लगा है. एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी एक्टर्स (Association of Malayalam Movie Artists) के महासचिव और अभिनेता सिद्दीकी पर भी दुष्कर्म (Me Too Campaign) का आरोप लगा है. इस आरोप के बाद उन्होंने एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी एक्टर्स (AMMA) के पद से इस्तीफा दे दिया. AMMA के संयुक्त सचिव बाबूराज पर भी दुर्व्यवहार के आरोप लगे हैं. हालांकि, उन्होंने इन आरोपों से इंकार किया है. रविवार को बंगाली अभिनेत्री श्रीलेखा मित्रा और एक मलयालम अभिनेत्री के खुलासे के बाद फिल्म निर्देशक रंजीत ने भी केरल राज्य चलचित्र अकादमी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया.
मलयालम अभिनेत्री के अपहरण के आरोप के बाद शुरू हुई जांच
बता दें कि फरवरी 2017 में एक लोकप्रिय मलयालम अभिनेत्री ने कोच्चि में अपने साथ अपहरण और यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. इस जांच में एक प्रमुख अभिनेता का नाम सामने आया था. इसी के साथ मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं के साथ होने वाले भेदभावपूर्ण व्यवहार भी जांच के दायरे में आ गया. इसके बाद जुलाई 2017 में केरल सरकार ने मलयालम फिल्म उद्योग में यौन उत्पीड़न और लैंगिक असमानता के मुद्दों पर विचार करने के लिए एक समिति बनाई थी. समिति ने दिसंबर 2019 में केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को 295 पन्नों की रिपोर्ट सौंपी. इस घटना के बाद ही वूमन इन सिनेमा कलेक्टिव (WCC) का गठन किया गया और 18 मई, 2017 को WCC ने केरल के मुख्यमंत्री को एक याचिका देकर इस घटना की जांच और फिल्म इंडस्ट्री को महिलाओं को परेशान करने वाले मामलों की जांच की मांग की गई. याचिका के आधार पर सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय न्यायाधीश के हेमा, पूर्व अभिनेता शारदा और सेवानिवृत्त IAS अधिकारी केबी वलसाला कुमारी वाली हेमा समिति का गठन किया गया.
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क्या है हेमा समिति की रिपोर्ट में?
- समिति ने मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में 30 अलग-अलग श्रेणियों में काम करने वाली महिलाओं की ओर से अनुभव किए जाने वाले शोषण के कम से कम 17 मामलों की पहचान की.
- रिपोर्ट में कास्टिंग काउच जैसे मामलों के जारी रहने की बात कही गई है. इसमें महिलाओं पर अक्सर फिल्म में रोल या ब्लैकलिस्ट होने से बचने के लिए यौन संबंध बनाने का दबाव डाला जाता है.
- रिपोर्ट में कहा गया कि महिलाओं को मिलने वाली पेमेंट और सुरक्षा उपायों जैसे आंतरिक शिकायत समिति (ICC) के मामले में भेदभाव का सामना करना पड़ता है. अक्सर उन्हें शिकायत दर्ज न करने के लिए मजबूर किया जाता है.
- रिपोर्ट में कहा गया है कि मलयालम फिल्म इंडस्ट्री कुछ निर्माताओं, पुरुष निर्देशकों और पुरुष अभिनेताओं के नियंत्रण में है और वह सिनेमा में काम करने वाले अन्य व्यक्तियों पर हावी हैं.
- रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि इंडस्ट्री में महिलाओं के खिलाफ ऑनलाइन उत्पीड़न और साइबर हमले आम बात हैं. इसमें यह भी बताया गया है कि कुछ पुरुष कलाकारों को सत्ता लॉबी के साथ टकराव के कारण लंबे समय तक प्रतिबंधित भी किया गया.
रिपोर्ट अब क्यों जारी की गई?
- कुछ राइट टू इनफार्मेशन कार्यकर्ताओं ने रिपोर्ट के बारे में अधिक जानकारी के लिए केरल राज्य सूचना आयोग (KSIC) से संपर्क किया.
- KSIC ने 6 जुलाई, 2024 को याचिकाकर्ताओं को रिपोर्ट जारी करने का निर्णय लिया. पहले रिपोर्ट के सिर्फ 63 पन्नों को जारी किया गया.
- केरल उच्च न्यायालय ने फिल्म निर्माता साजी परायिल की याचिका के बाद रिपोर्ट के प्रकाशन पर रोक लगा दी थी. इसमें उन्होंने तर्क दिया था कि रिपोर्ट सामने आने के बाद निजता के अधिकार का उल्लंघन होगा. बाद में उनकी याचिका खारिज कर दी गई.
- एक अभिनेत्री ने समिति के समक्ष गवाही दी, जिससे रिपोर्ट में और देरी हुई. अपनी याचिका में अभिनेत्री ने कहा कि उसे यह जानने का कानूनी अधिकार है कि रिपोर्ट में उसका बयान कैसे दर्ज किया गया.
रिपोर्ट में क्यों हुई देरी ?
- यह रिपोर्ट 2019 में मुख्यमंत्री को सौंपी गई थी, जिसे पांच साल तक गुप्त रखा गया था. व्यक्तिगत गोपनीयता की सुरक्षा के लिए इस महीने इसे जारी करते समय इसके कुछ हिस्सों को संपादित किया गया था.
- विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने पिनाराई विजयन पर रिपोर्ट में उल्लिखित अपराधियों के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई शुरू नहीं करने के लिए अपराध करने का आरोप लगाया.
- 20 अगस्त को सीएम विजयन ने कहा कि हेमा समिति की रिपोर्ट पहले जारी नहीं की गई थी क्योंकि न्यायमूर्ति हेमा ने 19 फरवरी, 2020 को सरकार को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि रिपोर्ट को सार्वजनिक न किया जाए क्योंकि यह कई व्यक्तियों की गोपनीयता को प्रभावित कर सकता है.