Delhi AIIMS : दिल्ली एम्स भारत का सबसे प्रतिष्ठित अस्पताल है. यहां पर देशभर से करीब 15 हजार मरीज इलाज करवाने के लिए आते हैं और अन्य एम्स से पेशेंट रेफर किए जाते हैं.
02 September, 2024
Delhi AIIMS : दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) दुनिया के 100 सर्वेश्रेष्ठ अस्पतालों की सूची में 52वें नंबर पर आता है. यह देश का एकमात्र अस्पताल है जो इस लिस्ट में शामिल है और इसमें 21 देशों के हॉस्पिटल को जगह दी गई है. हालांकि, दिल्ली एम्स को टॉप 50 में जगह नहीं मिल पाई है. बावजूद इसके देश में इसका काफी महत्व है. क्यों यहां पर प्रतिदिन देशभर से करीब 15 हजार मरीज रोजाना इलाज कराने के लिए आते हैं. हम इस लेख में उन बिंदुओं पर रोशनी डाल रहे हैं…
पढ़ें एम्स की खासियतें
1) AIIMS में स्नातक और स्नातकोत्तर दोनों ही स्तरों पर कोर्स चलाए जाते हैं और यह संस्थान स्टूडेंट्स को अपनी डिग्री देता है. यहां पर करीब 42 सब्जेक्टों में अध्ययन करवाया जाता है. इसके अलावा हेल्थ रिसर्च में करीब एक साल में 600 से ज्यादा रिसर्च पेपर पब्लिश कर दिए जाते हैं. इसके अलावा एम्स में एक नर्सिग कॉलेज भी चलाया जाता है जहां पर बीएससी नर्सिंग पोस्ट के लिए डिग्री दी जाती है.
2) अस्पताल में लगातार रिसर्च होती रहती हैं, जिसके कारण पुरानी और नई बीमारियों को लेकर अस्पताल काफी सतर्क रहता है. इसी कारण यह देशभर भर में नए इलाज और पुरानी बीमारियों के इलाज के लिए काफी फेमस है.
3) सबसे खास बात यह है कि इसके लिए केंद्र सरकार स्पेशल बजट देती है और संतोषजनक बजट मिलने के कारण यहां पर बहुत सी सुविधाएं अन्य अस्पताल के मुकाबले काफी ज्यादा होती हैं. इसके अलावा यहां पर देश के प्रतिष्ठित डॉक्टर चुनकर आते हैं.
4) एम्स में करीब 1949 तरीकों से इलाज किया जा रहा है, जिसमें न्यूरोसर्जरी ऑर्थोपेडिक्स, जनरल मेडिसिन, ऑप्थेल्मोलॉजी और स्पेशिलिटीज मेडिकल ऑन्कोलॉजी में सबसे ज्यादा मरीज आते है.
5) यहां पर 7 टेसला क्षमता वाले MRI मशीन है. इसके माध्यम से शरीर की बारीक से बारीक चीजों को आसानी से देखा जा सकता है. मरीजों के इलाज के लिए पूरी दुनिया में ऐसी 7 ही मशीनें ही हैं, जिसमें से एक भारत के एम्स में भी है. बता दें कि जब शरीर के अंदर कोई जटिल बीमारी हो जाती है तो उसको समझने के लिए MRI की जरूरत होती है.
6) वहीं, एम्स में ओपीडी पंजीकरण की फीस मात्र 10 रुपये रखी गई है. जहां ऑनलाइन के 50 फीसदी अपॉइन्टमेंट एक्सेप्ट किए जाते हैं और 50 प्रतिशत ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन होते हैं.
7) इसके अलावा यहां पर जनरल वार्ड की सुविधाओं से लेकर डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ सुविधाएं, जनरल वार्ड सहित डॉक्टरी परामर्श फ्री में दिया जाता है. एक बात और यहां पर मुफ्त की जगह इलाज सब्सिडाइज्ड रेट पर किया जाता है.
8) दिल्ली एम्स में सब्सिडाइज्ड इलाज के अलावा मरीजों के लिए प्राइवेट वार्ड भी दिया जाता है, जिसमें एक वार्ड की फीस जीएसटी लगने के बाद प्रतिदिन की करीब 6600 रुपये हैं. यह वार्ड किसी प्राइवेट अस्पताल से कम नहीं होते हैं यहां पर बेहतर सुविधाएं होती हैं. बता दें कि एम्स में 3194 बेड हैं. इनमें 288 प्राइवेट वार्ड है और जनरल वार्ड (फ्री) की संख्या 2906 है.
9) हॉस्पिटल में मरीजों को आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना (PMJAY) के तहत लाभार्थियों को सभी ब्लाक और केंद्रों में इलाज दिया जाता है. इसके कार्ड के अंतर्गत 27 स्पेशिलिटीज में मुफ्त इलाज दिया जाता है. आयुष्मान कार्ड के तहत 5 लाख रुपये तक मरीज को हेल्थ सुविधा दी जाती है.
10) आपको बताते चले कि AIIMS को नेहरू सरकार में बनाया गया था और इसको उच्च श्रेणी के अस्पताल में विकसित किया गया है. साथ ही यह हॉस्पिटल 117 एकड़ में फैला हुआ है. यहां पर एक बीमारी के इलाज के लिए कई स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स हैं.
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