राहत इंदौरी के वह शेर जिन्हें पढ़कर लोग दिल हार बैठे.
घर के बाहर ढूंढता रहता हूं दुनिया,
घर के अंदर दुनिया-दारी रहती है.
दुनिया
ये जरूरी है कि आंखों का भरम काएम रहे,
नींद रक्खो या न रक्खो ख्वाब मेयारी रखो.
भरम काएम
बीमार को मरज की दवा देनी चाहिए,
मैं पीना चाहता हूं पिला देनी चाहिए.
दवा देनी चाहिए
तेरी महफिले जो निकला तो ये मंजर देखा,
मुझे लोगों ने बुलाया मुझे छू कर देखा.
तेरी महफिले
सूरज सितारे चांद मिरे साथ में रहे,
जब तक तुम्हारे हाथ मिरे हाथ में रहे.
सितारे चांद मिरे
एक ही नद्दी के हैं ये दो किनारे दोस्तों,
दोस्ताना जिदगी से मौत से यारी रखो.
दो किनारे दोस्तों