Home National ‘भारत के किसी भी हिस्से को नहीं कह सकते Pakistan’, जानें क्यों SC ने दी जजों और वकीलों को चेतावनी

‘भारत के किसी भी हिस्से को नहीं कह सकते Pakistan’, जानें क्यों SC ने दी जजों और वकीलों को चेतावनी

by Divyansh Sharma
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भारत के किसी भी हिस्से को नहीं कह सकते Pakistan, जानें क्यों SC ने दी जजों और वकीलों को चेतावनी

Supreme Court On Judges: सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति वी. श्रीशानंद (V. Srishananda) की ओर से दिए गए विवादास्पद बयान के बाद सामने आई है.

Supreme Court On Judges: सुप्रीम कोर्ट ने बहुत बड़ी टिप्पणी की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि भारत के किसी भी हिस्से को पाकिस्तान नहीं कहा जा सकता. सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति वी. श्रीशानंद (V. Srishananda) की ओर से दिए गए विवादास्पद बयान के बाद सामने आई है. अपने बयान में उन्होंने बेंगलुरु के एक विशेष इलाके को पाकिस्तान (Pakistan) कहा था.

‘ऐसे बयान राष्ट्र की क्षेत्रीय अखंडता के खिलाफ’

भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़, संजीव खन्ना, बीआर गवई, सूर्यकांत और ऋषिकेश रॉय वाली पांच जजों की पीठ ने जजों और वकीलों के लिए चेतावनी जारी की. पीठ ने कहा कि जजों और वकीलों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके कर्तव्यों का निर्वहन करते समय उनके व्यक्तिगत विचारों की झलक न दिखे. सुनवाई के दौरान CJI ने कहा कि हम भारत के किसी भी हिस्से को पाकिस्तान नहीं कह सकते, क्योंकि यह मूल रूप से राष्ट्र की क्षेत्रीय अखंडता के खिलाफ है. पीठ ने कहा कि इस तरह के बयान व्यक्तिगत विचारों को दिखाते हैं, इसलिए किसी को भी पितृसत्तात्मक या स्त्री के खिलाफ टिप्पणी करने से बचना चाहिए.

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दो वीडियो सोशल मीडिया पर हुए थे वायरल

दरअसल, न्यायमूर्ति वी. श्रीशानंद के दो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे. एक वीडियो में वह पश्चिम बेंगलुरु के मुस्लिम बहुल इलाके को पाकिस्तान कहते हुए दिखे. दूसरे वीडियो में न्यायमूर्ति वी. श्रीशानंद एक महिला वकील को विपक्षी पक्ष के वकील से पूछे गए सवाल का जवाब देने पर फटकार लगाते दिखे थे. सुप्रीम कोर्ट ने जज की ओर से की गई विवादास्पद टिप्पणियों पर स्वत: संज्ञान लिया था. इसके बाद कर्नाटक हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से इस मामले पर रिपोर्ट मांगी थी. इसके बाद उन्होंने खुली अदालत की कार्यवाही के दौरान माफी भी मांगी. इसके बाद इस मामले को बंद कर दिया गया.

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