Schedule Caste Reservation: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हरियाणा अनुसूचित जाति आयोग की अनुसूचित जातियों के आरक्षण को विभाजित करने की रिपोर्ट की सिफारिशों को मंजूरी दे दी है.
कमलेश सिंह, नई दिल्ली/चंडीगढ़: हरियाणा में सत्तासीन नायब सिंह सैनी सरकार (Nayab Singh Saini Government) ने अनुसूचित जातियों के आरक्षण के भीतर उप-वर्गीकरण करने के सुपीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले को लागू करने का फैसला किया है. ऐसा करने वाला हरियाणा सुप्रीम कोर्ट का फैसला लागू करने वाला पहला राज्य बन गया है. इस आशय का फ़ैसला हरियाणा की नवगठित नायब सिंह सैनी सरकार ने मंत्रिमंडल की पहली बैठक में शुक्रवार को लिया.
यहां पर बता दें कि हरियाणा में तीसरी बार सरकार बनने के अपने पहले ही फैसले में ही नायब सिंह सैनी सरकार (Nayab Singh Saini Government) ने अनुसूचित आरक्षण (एससी आरक्षण) में वर्गीकरण करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू कर दिया है. साथ ही इसे राज्य सरकार के कार्य नियमों में जोड़ने की भी स्वीकृत दे दी है.
सरकारी सेवाओं में मिलेगा लाभ
बता दें कि सरकारी सेवाओं में वंचित वर्गों के आकलन के लिए बनाई गई आयोग ने अपने में रिपोर्ट में कहा गया है कि एक अध्ययन के परिणामस्वरूप आयोग इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि वंचित अनुसूचित जातियों का राज्य की सरकारी सेवाओं में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है, जबकि अन्य अनुसूचित जातियों का राज्य में अनुसूचित जाति वर्ग में उनकी जनसंख्या के अनुपात की तुलना में राज्य की सरकारी सेवाओं में पर्याप्त से अधिक प्रतिनिधित्व है.
किन जातियों को मिलता है ज्यादा फायदा
इसके अलावा, आयोग ने सरकारी सेवाओं में आरक्षण को लेकर साफ किया है कि अनुसूचित जातियों के लिए बनाए गए आरक्षण में ग्रुप-ए, बी और सी में अन्य अनुसूचित जातियों को ज्यादा लाभ मिला है, जबकि ग्रुप-डी की सेवाओं में वंचित, अनुसूचित जातियों को अधिक लाभ मिला है. इस असमानता को तोड़ने की आवश्यकता है, इसलिए समान अवसरों को सुनिश्चित करने और सार्वजनिक रोजगार में पर्याप्त प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा उप-वर्गीकरण किए जाने की आवश्यकता है.
10 प्रतिशत आरक्षण की सिफारिश
हरियाणा में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य की नायब सैनी सरकार (Nayab Singh Saini) ने 1 अगस्त को दलित जातियों में उप-वर्गीकरण संबंधी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के एक पखवाड़े बाद ही हरियाणा अनुसूचित जाति आयोग की रिपोर्ट को मंजूरी दे दी थी. इस आयोग ने अनुसूचित जातियों में वंचित वर्ग के लिए राज्य की सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने की सिफारिश की थी. इसका एलान चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद किया गया था. ऐसे में कानून के जानकार कहते हैं कि कोर्ट का फ़ैसला बेहद महत्वपूर्ण और सधा हुआ है.
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