Delhi-NCR AIR Changed : ठंड का मौसम आने के दौरान दिल्ली-एनसीआर समेत कई इलाकों में प्रदूषण का स्तर बढ़ने लग जाता है. इसके कारण शरीर के कई हिस्सों में बुरा प्रभाव पड़ता है.
23 October, 2024
Delhi-NCR AIR Changed : दिल्ली-एनसीआर समेत कई मेट्रो सिटीज में नवंबर-दिसंबर तक आते-आते हवा बदलने लग जाती है. यह हवा कई कारणों से सर्दियों के दिनों में प्रदूषित होने लग जाती है. प्रदूषित हवा शरीर के कई हिस्सों को डैमेज करने का काम करती है और सबसे ज्यादा हमारे आंखों पर प्रभाव छोड़ती है. आपको बताते चलें कि दिल्ली-एनसीआर में प्रतिदिन AQI का स्तर बढ़ता जा रहा है और इन दिनों AQI 350 पहुंच गया है. अगर ऐसे ही हवा का स्तर बिगड़ता है तो यह हमारे फेफड़ों, स्किन, ब्रेन सहित आंखों पर भी बहुत बुरा प्रभाव डालता है.
आंखों को कर सकता है डैमेज
AQI का लेवल बढ़ता है तो आंखों में जलन, खुजली, आंखों में किरकरिपन हो सकता है. साथ ही अगर लंबे समय तक प्रदूषण बना रहा है तो यह आंखों को भी डैमेज कर सकता है. मामला यह है कि ठंडी के मौसम शुरू होते ही धान की कटाई शुरू हो जाती है और बड़ी संख्या में पराली जलाने शुरू कर देते हैं. हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में किसान इस मौसम में खेतों को साफ करने के लिए पराली जलाने का काम करते हैं. इसके साथ ही हवा की रफ्तार भी धीमी हो जाती है और प्रदूषण एक जगह पर ठहर जाता है. यही कारण है कि लोगों को प्रदूषण से सबसे ज्यादा दिक्कतें इसी मौसम में होती है.
कई कारणों से बढ़ता है प्रदूषण
वहीं, दिल्ली-एनसीआर के इलाकों में पराली के धुंए से ही प्रदूषण नहीं बढ़ता है बल्कि अवैध कंस्ट्रक्शन और जनसंख्या घनत्व भी इसका कारण है. इस तरह की गतिविधियों को रोकने की जिम्मेदारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की है, लेकिन बोर्ड की तरफ से सकती नहीं होने के कारण ऐसी समस्या अपनी विकराल रूप ले लेती है. IIT कानपुर की माने तो ठंड के मौसम में हवा की रफ्तार धीमी होने की वजह से प्रदूषण एक जगह जमा हो जाता है और यह काफी मुश्किलें खड़ी कर देता है. बता दें कि दिल्ली-एनसीआर के अलावा बेंगलुरु, उत्तरप्रदेश का कानपुर, मुरादाबाद शहर ऐसे हैं जो गैस का चैंबर बन जाते हैं.
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