India-China Border Dispute: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि चीन के साथ हुए LAC पर समझौते का मतलब यह नहीं है कि दोनों देशों के बीच मुद्दे हल हो गए हैं.
India-China Border Dispute: चीन के साथ भारत के साथ पूर्वी लद्दाख में LAC यानी वास्तविक सीमा नियंत्रण रेखा पर समझौते हो गया है. इस पर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बड़ा बयान दिया है.
उन्होंने कहा है कि चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में LAC पर गश्त के समझौते का मतलब यह नहीं है कि सब कुछ हल हो गया है. उन्होंने कहा कि संबंधों को सामान्य बनाने के लिए अभी भी थोड़ा समय है.
India-China Border Dispute: 21 अक्टूबर को हुआ था समझौता
महाराष्ट्र के पुणे में एक कार्यक्रम में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बड़ा बयान दिया. उन्होंने शनिवार को कहा कि LAC पर गश्त के लिए चीन के साथ हुए समझौते का मतलब यह नहीं है कि दोनों देशों के बीच मुद्दे हल हो गए हैं.
हालांकि, उन्होंने कहा कि सैनिकों के पीछे हटने से हमें अगले कदम पर विचार करने का मौका मिलता है. विदेश मंत्री ने चीन के साथ सफल समझौते के लिए सेना की बड़ाई की.
21 अक्टूबर को हुए समझौते पर विदेश मंत्री ने कहा कि देपसांग और डेमचोक में दोनों देशों की सेनाओं की ओर से गश्ती की जाएगी. एस जयशंकर ने यह भी कहा कि चीन के साथ संबंधों को सामान्य बनाने के लिए अभी भी थोड़ा समय है.
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LAC पर डटे रहने के लिए सेना को दी बधाई
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत को स्वाभाविक रूप से विश्वास और साथ मिलकर काम करने की इच्छा को फिर से बनाने में समय लगेगा.
उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने BRICS शिखर सम्मेलन के लिए रूस के कजान में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की, तो यह निर्णय लिया गया कि दोनों देशों के विदेश मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मिलेंगे और देखेंगे कि आगे की बातचीत कैसे करनी है.
एस जयशंकर ने कहा कि अगर आज हम उस मुकाम पर पहुंचे हैं, तो इसका एक कारण हमारी ओर से अपनी जमीन पर डटे रहने और अपनी बात रखने के लिए किए गए दृढ़ प्रयास हैं. सेना देश की रक्षा के लिए बहुत ही विषम परिस्थितियों में बेहतर काम किया है.
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