Bihar Politics: मोहम्मद शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब और उनके बेटे ओसामा शहाब के RJD में शामिल होने पर RJD नेता तेजस्वी यादव ने बड़ा दावा भी किया.
Bihar Politics: बिहार में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं. इससे पहले बिहार की सियासत से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है.
दरअसल, मोहम्मद शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब और उनके बेटे ओसामा शहाब रविवार (27 अक्टूबर) को RJD यानी राष्ट्रीय जनता दल में शामिल हो गए है.
RJD नेता तेजस्वी यादव ने सभी को पार्टी की सदस्यता दिलाई. साथ ही उन्होंने मोहम्मद शहाबुद्दीन को RJD के संस्थापक सदस्यों में से एक बताया.
Bihar Politics: लालू यादव भी रहे मौजूद
हिना शहाब और उनके दोनों बेटे बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के 10 सर्कुलर रोड पर स्थित सरकारी आवास पर RJD में शामिल हुए. इस दौरान तेजस्वी यादव के अलावा लालू यादव और पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे.
मोहम्मद शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब और उनके बेटे ओसामा शहाब के RJD में शामिल होने पर RJD नेता तेजस्वी यादव ने बड़ा दावा किया.
उन्होंने कहा कि दिवंगत नेता के परिवार के सदस्यों के पार्टी में शामिल होने के बाद BJP यानी भारतीय जनता पार्टी और RSS यानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से की जा रही नकारात्मक राजनीति और सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ हमारी लड़ाई में मदद मिलेगी.
वहीं, लालू यादव ने भी कहा कि दिवंगत शहाबुद्दीन का परिवार हमेशा से RJD का हिस्सा था और अब दोनों परिवार फिर से करीब आए हैं तो पार्टी को पहले से और मजबूत करेंगे.
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साल 2019 में पार्टी के साथ हुए रिश्ते खराब
गैंगस्टर से राजनेता बने मोहम्मद शहाबुद्दीन को साल 2007 में एक हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था. इससे पहले तक मोहम्मद शहाबुद्दीन सीवान में कभी चुनाव नहीं हारे.
बता दें कि तिहाड़ जेल में आजीवन कारावास काट रहे मोहम्मद शहाबुद्दीन की साल 2021 में मृत्यु हो गई. उनके बाद हिना शहाब ने RJD के टिकट पर कई बार चुनाव लड़ा, लेकिन कभी जीत नहीं पाई.
साल 2019 में पार्टी के साथ उनके परिवार के रिश्ते खराब हो गए थे. दरअसल, RJD और लालू यादव पर विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि वह बाहुबलियों को संरक्षण दे रहे हैं.
ऐसे में उन्होंने पार्टी की छवि में सुधार के लिए मोहम्मद शहाबुद्दीन के परिवार को नजरअंदाज करना शुरू कर किया.
अब दावा किया जा रहा है कि लोकसभा चुनावों में लचर प्रदर्शन के बाद तेजस्वी यादव को पार्टी को फिर से मजबूत करने के लिए इस पर पुनर्विचार करना पड़ा है.
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