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प्रेग्‍नेंट मह‍िला को बॉस ने नहीं दी छुट्टी तो धोना पड़ गया नौकरी से हाथ, जानिए क्या है पूरा मामला

by Rashmi Rani
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प्रेग्‍नेंट मह‍िला को बॉस ने नहीं दी छुट्टी तो धोना पड़ गया नौकरी से हाथ, जानिए क्या है पूरा मामला

Pregnant Employee Loses Baby: ओडिशा से हैरान कर देने वाली खबर सामने आ रही है. जहां एक महिला को छुट्टी देने से इन्कार करने पर बाल कल्याण अधिकारी को पद से हटा दिया गया है.

Pregnant Employee Loses Baby: ओडिशा से हैरान कर देने वाली खबर सामने आ रही है. जहां एक महिला को छुट्टी देने से इन्कार करने पर बाल कल्याण अधिकारी को पद से हटा दिया गया है. 26 साल की एक सरकारी कर्मचारी का दावा है कि ऑफिस में ही उसे प्रसव पीड़ा शुरू हो गई थी, लेकिन बाल विकास परियोजना अधिकारी ने उसे छुट्टी नहीं दी और गर्भ में ही उसके बच्चे की मौत हो गई.

पीड़ित महिला ने दुर्व्यवहार करने का भी लगाया आरोप

पूरा मामला 25 अक्टूबर का बताया जा रहा है. पीड़ित महिला वर्षा प्रियदर्शिनी ने बताया कि वो केंद्रपाड़ा जिले के डेराबिश ब्लॉक में महिला एवं बाल विकास विभाग की कर्मचारी है. उसने बताया कि उसका सातवां महीना चल रहा था और ऑफिस में उसे अचानक तेज दर्द शुरू हो गया. महिला ने आरोप लगाया कि उसने सीडीपीओ स्नेहलता साहू और अन्य अधिकारियों से उसे अस्पताल ले जाने का अनुरोध किया, लेकिन किसी ने भी उसकी एक न सुनी और उसे नजरअंदाज कर दिया. पीड़ित महिला ने यह भी आरोप लगाया कि उसके साथ दुर्व्यवहार भी किया गया.

उपमुख्यमंत्री ने लिया एक्शन

वर्षा प्रियदर्शिनी ने बताया कि बाद में उसके रिश्तेदार उसे अस्पताल ले गए, जहां यह पता चला कि गर्भ में ही बच्चे की मौत हो गई है. पीड़ित महिला का कहना है कि सीडीपीओ की ‘मानसिक प्रताड़ना और घोर लापरवाही’ के कारण उसके मौत हो गई. महिला ने जिलाधिकारी को लिखित शिकायत भी दर्ज कराई, जिसमें उसने न्याय की मांग की. ऐसे में उपमुख्यमंत्री प्रावती परिदा ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि केंद्रपाड़ा जिले के डेराबिश ब्लॉक की सीडीपीओ स्नेहलता साहू को निष्पक्ष जांच के लिए उनके कर्तव्यों से मुक्त कर दिया गया है.

जिलाधिकारी ने दिए निर्देश

डब्ल्यूएंडसीडी विभाग की देखरेख करने वाले परिदा ने कहा कि जांच रिपोर्ट मिलने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी. वहीं, जिलाधिकारी को मामले की गहन जांच कराने के निर्देश दिये गये हैं. केंद्रपाड़ा जिला प्रशासन ने पहले ही जिला समाज कल्याण अधिकारी (डीएसडब्ल्यूओ) को मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है. वहीं, सीडीपीओ का कहना है कि उसे वर्षा प्रियदर्शिनी के प्रसव पीड़ा के बारे में मालूम नहीं था.

यह भी पढ़ें : PDP विधायक ने की J&K में आरक्षण खत्म करने की मांग, कहा- अन्यायपूर्ण नीति को समाप्त करना चाहिए

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