US President Donald Trump Security: डोनाल्ड ट्रंप की सुरक्षा भी कड़ी कर दी जाएगी. अब उनकी सुरक्षा यूनाइटेड स्टेट्स सीक्रेट सर्विस के हवाले कर दी जाएगी.
US President Donald Trump Security: डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव में धमाकेदार जीत दर्ज कर सभी को हैरान कर दिया है. अब वह अगले साल जनवरी के महीने में अमेरिका के राष्ट्रपति पद के तौर पर शपथ लेंगे.
बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप की सुरक्षा भी कड़ी कर दी जाएगी. अब डोनाल्ड ट्रंप की सुरक्षा यूनाइटेड स्टेट्स सीक्रेट सर्विस के हवाले कर दी जाएगी.
सीक्रेट सर्विस के पास है जिम्मा
बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति की सुरक्षा में यूनाइटेड स्टेट्स सीक्रेट सर्विस का अहम योगदान होता है. यूनाइटेड स्टेट्स सीक्रेट सर्विस की स्थापना साल 1865 में की गई थी.
हालांकि, साल 1901 में तत्कालीन राष्ट्रपति विलियम मैककिनले की हत्या के बाद यूनाइटेड स्टेट्स सीक्रेट सर्विस को राष्ट्रपति की सुरक्षा सौंपी गई.
बता दें कि यूनाइटेड स्टेट्स सीक्रेट सर्विस राष्ट्रपति के अलावा उपराष्ट्रपति और अन्य लोगों की सुरक्षा के साथ-साथ अमेरिका के फाइनेंशियल ढांचे को कमजोर करने वाले अपराधों की जांच भी करती है.
यूनाइटेड स्टेट्स सीक्रेट सर्विस में करीब 7 हजार एजेंट और ऑफिसर शामिल हैं. एजेंट की ट्रेनिंग दुनिया की सबसे मुश्किल ट्रेनिंग मानी जाती है.
बहुत महंगी है राष्ट्रपति की सुरक्षा
अमेरिका के राष्ट्रपति को भले ही दुनिया का सबसे ताकतवर इंसान माना जाता है, लेकिन उनकी सुरक्षा से जुड़े फैसले लेने का अधिकार सिर्फ सीक्रेट सर्विस के एजेंट्स को ही है.
अमेरिका के राष्ट्रपति को किसी भी वक्त अकेला छोड़ा नहीं जा सकता है. अमेरिकी राष्ट्रपति की सुरक्षा में मल्टी लेयर सिक्योरिटी को तैनात किया जाता है. यह बेहद मजबूत होने के साथ-साथ बहुत महंगी भी है.
बता दें कि अमेरिका में चार राष्ट्रपतियों यानी साल 1865 में अब्राहम लिंकन, 1881 में जेम्स गारफील्ड, 1901 में विलियम मैकिनली और 1963 में जॉन एफ केनेडी की हत्या हो चुकी है.
ऐसे में राष्ट्रपति की सुरक्षा को बेहद कड़ा कर दिया गया है. राष्ट्रपति की सुरक्षा में तीन सिक्योरिटी लेयर्स हैं.
हवा में कैसी होती है सुरक्षा?
पहले लेयर में राष्ट्रपति के प्रोटेक्टिव डिविजन एजेंट शामिल होते हैं. इसके बाद सीक्रेट सर्विस के एजेंट्स सुरक्षा में तैनात रहते हैं. वहीं, तीसरे लेयर में पुलिस के जवान तैनात किए जाते हैं.
वहीं, किसी देश की यात्रा के दौरान राष्ट्रपति की सुरक्षा में उस देश की सुरक्षा एजेंसियां भी तैनात रहती हैं. बता दें कि राष्ट्रपति की सुरक्षा हवा में भी की जाती है.
एयरफोर्स वन प्लेन में राष्ट्रपति सवार होते हैं. वहीं, एयरफोर्स वन प्लेन के साथ 6 बोइंग C17 विमान और हेलिकॉप्टर भी उड़ान भरते हैं.
इन विमानों में राष्ट्रपति की लिमोजीन गाड़ियां, क्मूयनिकेशन एक्वीपमेंट और दूसरे कई एजेंट और स्टाफ मेंबर्स सवार होते हैं. आपात स्थिति के मद्देनजर सीक्रेट सर्विस और लोकल एजेंसी के अधिकारी ही राष्ट्रपति के काफिले का रूट भी तय करते हैं.
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होटल में खाली होता है पूरा फ्लोर
इसके अलावा जहां भी राष्ट्रपति ठहरते हैं, वह जगह अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर से 10 मिनट की ही दूरी पर होता है. कुछ एजेंट हर समय अस्पताल के बाहर ही तैनात रहते हैं. अस्पताल में आपात स्थिति के लिए राष्ट्रपति के लिए ब्लड भी रखा जाता है.
वहीं, राष्ट्रपति के होटल में पूरा कमरे वाले फ्लोर के अलावा ऊपर और नीचे के फ्लोर को भी खाली रखा जाता है. वहां सिर्फ स्टाफ के लोग ही रहते हैं.
फ्लोर से टीवी और होटल के फोन तक भी हटा दिए जाते हैं और खिड़कियों पर बुलेट प्रूफ शील्ड तक लगा दी जाती है. राष्ट्रपति का कुकिंग स्टाफ अगल होता है.
वहीं, एजेंट्स को राष्ट्रपति के हर वक्त साथ रहने वाले सेना के अधिकारी व्यक्ति को भी सुरक्षित रखना होता है, जिसके पास अमेरिकी न्यूक्लियर मिसाइल को लॉन्च करने वाला ब्रीफकेस होता है.
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कैसी होती है कार?
बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति अपनी लिमोजीन कार में ही यात्रा करते हैं. इस कार का नाम है द बीस्ट. यह कार हर तरह से एक्वीप्ड है. लिमोजीन कार बुलेटप्रूफ होने के साथ ही सबसे हाई-टेक होती है.
इसमें डिफेंसिव उपकरण भी शामिल होते हैं. इसमें टियर गैस, नाइट विजन, स्मोक स्क्रीन्स, केमिकल अटैक से सुरक्षा और ग्रेनेड लॉन्चर शामिल हैं.
वहीं, कार के ड्राइवर्स को इस तरह ट्रेन्ड किया जाता है कि वह किसी हमले के समय गाड़ी को एकदम अचानक से उल्टी दिशा यानी 180 डिग्री टर्न ले सके.
अब यह सारी सुरक्षा अमेरिका के अगले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को दी जाएगी. बता दें कि वह जनवरी के महीने में अमेरिका के राष्ट्रपति पद के तौर पर शपथ लेंगे.
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