Developed Odisha: नीति आयोग और सीनियर अधिकारियों ने 2036 तक विकसित ओडिशा और भारत 2047 के विजन पर चर्चा की, जिसमें विकसित ओडिशा के लिए विजन दस्तावेज तैयार करने में सहायता करने कि जिम्मेदारी नीति आयोग ने ली है.
Developed Odisha: मुख्य सचिव मनोज आहूजा और नीति आयोग के सीईओ बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम ने “विकसित ओडिशा 2036 और विकसित भारत 2047 विजन डॉक्यूमेंट” की प्रगति का आकलन करने के लिए एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की.
Developed Odisha: बैठक में कई विभागों के सीनियर अधिकारी शामिल हुए.
Developed Odisha: लोक सेवा भवन में आयोजित बैठक में विकास आयुक्त और एडिशनल चीफ सेक्रेटरी अनु गर्ग समेत कई विभागों के सीनियर अधिकारी शामिल हुए. बैठक वेब पोर्टल, व्हाट्सएप और ईमेल के माध्यम से इकट्ठा की गई 2,000 से ज्यादा सार्वजनिक प्रस्तुतियों के फीडबैक पर केंद्रित थी.
Developed Odisha: अक्टूबर में “ओडिशा विजन वेब पोर्टल का किया था उद्घाटन
Developed Odisha: ओडिशा के मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने 31 अक्टूबर को “ओडिशा विजन 2036 और 2047” वेब पोर्टल का उद्घाटन किया था. इस पहल का मकसद औद्योगिक विकास, बुनियादी ढांचे, मानव विकास, सांस्कृतिक संरक्षण, तकनीकी उन्नति, ग्रामीण प्रगति और शासन के लिए व्यापक रणनीतियों को आकार देना है.
Developed Odisha: अर्थव्यवस्था मजबूत होने के साथ रोजगार भी पैदा होंगे
Developed Odisha: इस दौरान एडिशनल चीफ सेक्रेटरीअनु गर्ग ने 2024 के लिए ओडिशा के विकास पथ और 2029 तक के लक्ष्यों पर चर्चा पर जोर दिया. उन्होंने इस बात पर जोर देता है कि कैसे ओडिशा की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सकता है, जिससे अगले दो दशकों में महत्वपूर्ण रोजगार पैदा हो सकते हैं.
Developed Odisha: होगी खुली चर्चा
Developed Odisha: चीफ सेक्रेटरी आहूजा ने सार्वजनिक भागीदारी के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “प्रस्तावों के संग्रह के बाद खुली चर्चा होगी. तेजी से विकासात्मक परिवर्तन लाने के लिए फीडबैक को इकट्ठा करना जरूरी है. इस विजन दस्तावेज़ का लक्ष्य सभी के लिए समग्र विकास, समानता और सम्मानजनक जीवन जीना है.
Developed Odisha: विकसित भारत में होग्स अहम योगदान देगा.
Developed Odisha: नीति आयोग के सीईओ सुब्रमण्यम ने कहा, ” दस्तावेज़ में प्रस्तावों को परिभाषित लक्ष्यों के अनुसार तत्काल कार्यान्वयन के लिए लक्षित किया जाएगा. उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि ओडिशा के समृद्ध संसाधन, कुशल कार्यबल और सांस्कृतिक संपत्ति 2047 तक एक समृद्ध राज्य और विकसित भारत में अहम योगदान देगा.