Home National ‘Enough is enough’, जानें क्यों वकील पर भड़के जज; कहा- आग में घी डालने का कर रहे हैं काम

‘Enough is enough’, जानें क्यों वकील पर भड़के जज; कहा- आग में घी डालने का कर रहे हैं काम

by Divyansh Sharma
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Supreme Court News: जस्टिस सूर्यकांत और उज्जल भुइयां की पीठ ने वकील को फटकार लगाते हुए कहा है कि बहुत हो गया. कोर्ट के साथ खिलवाड़ ना करें.

Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई के दौरान जज एक वकील पर बुरी तरह से भड़क गए. वकील को हिदायत देते हुए उन्होंने यहां तक कह दिया कि अब बहुत हो गया. कोर्ट के साथ खिलवाड़ ना करें.

दरअसल, यह मामला है महिला वकीलों के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान का. जस्टिस सूर्यकांत और उज्जल भुइयां की पीठ ने वकील को फटकार लगाई है.

पीठ ने आग में घी डालने की भी कही बात

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को DHCBA यानी दिल्ली हाई कोर्ट बार एसोसिएशन में महिला वकीलों के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई चल रही थी.

इसी दौरान एक वकील ने जस्टिस सूर्यकांत और उज्जल भुइयां की पीठ से सुप्रीम कोर्ट में महिला जजों की सवाल उठाते हुए तंज कसा कि सुप्रीम कोर्ट में कितनी महिला जज हैं.

इस पर जस्टिस सूर्यकांत वकील पर नाराज हो गए. उन्होंने कहा कि अगर आपको यह सब बातें कहकर दर्शकों को खुश करना है, तो ऐसा करें. ऐसी बातें 10 बार कहें.

जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि आप इस तरह की बातों से आग में घी डालने का काम कर रहे हैं. मीडिया को भी सुनने दिजिए. न्यायालय के साथ खिलवाड़ न करें. बहुत हो गया. बार एसोसिएशन का आचरण ऐसा नहीं हो सकता है.

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अंतिम बहस के लिए तय की 29 नवंबर की तारीख

नाराज पीठ ने बार एसोसिएशन की ओर से कोई और स्पष्टीकरण सुनने से भी इन्कार कर दिया. जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि हम अब कुछ नहीं सुनेंगे. अब हम इस मामले के बड़े मुद्दों पर विचार कर निर्णय लेंगे.

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने अंतिम बहस के लिए 29 नवंबर की तारीख तय की. साथ ही कहा कि इसके बाद तीन दिनों में इस मुद्दे पर अंतिम फैसला सुना दिया जाएगा.

बता दें कि 26 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने DHCBA को निर्देश दिया था कि वह एसोसिएशन के पांच सदस्यीय पदाधिकारी एसोसिएशन में एक पद के अलावा कोषाध्यक्ष का पद भी महिलाओं के लिए आरक्षित रखेगा.

इसी तरह 10 कार्यकारी सदस्यों में से कम से कम तीन महिला सदस्य को शामिल करने की बात कही थी. बता दें कि यह मामला बार में एसोसिएशन महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने से जुड़ा है.

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