Home International China: क्या थी मोदी-जिनपिंग के बीच बनी सहमति, जिसे लागू करने के लिए चीन हो रहा है बेचैन

China: क्या थी मोदी-जिनपिंग के बीच बनी सहमति, जिसे लागू करने के लिए चीन हो रहा है बेचैन

by Divyansh Sharma
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India-China Relation know consensus Narendra Modi-XI Jinping restless

India-China Relation: चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा है कि भारत और चीन को संबंधों को बेहतर बनाना चाहिए और सहमति को लागू करना चाहिए.

India-China Relation: भारत और चीन के रिश्तों पर जमी बर्फ अब धीरे-धीरे पिघलने लगी है. पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों की सीमाओं पर LAC यानी वास्तविक सीमा नियंत्रण रेखा पर गश्ती को लेकर आम सहमति बन गई है.

इस बीच चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर से कहा कि भारत और चीन को संबंधों को बेहतर बनाने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बनी महत्वपूर्ण सहमति को लागू करना चाहिए.

मतभेदों को भुलाकर आगे बढ़ने का किया आग्रह

दरअसल, ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में सोमवार (18 नवंबर) को G-20 देशों की बैठक हुई. इस दौरान भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने भी बैठक की है. इस बैठक में ही चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने बड़ा बयान दिया.

उन्होंने कहा कि रूस के कजान में हुए BRICS शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बनी महत्वपूर्ण सहमति को लागू करना चाहिए. इससे भारत और चीन को संबंध बेहतर बनेंगे.

साथ ही उन्होंने दावा किया कि दोनों देशों के रिश्ते मजबूत होने के बाद सभी लोगों हितों और इतिहास को सही दिशा मिलेगी. साथ ही उन्होंने दोनों देशों के नेताओं को आपसी मतभेदों को भुलाकर विश्वास को बढ़ाना चाहिए और एक-दूसरे के हितों का सम्मान करना चाहिए.

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एस जयशंकर ने व्यक्त की सहमति

वांग यी ने BRICS शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बनी महत्वपूर्ण सहमति का हवाला देते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानों को फिर से शुरू करना चाहिए और दोनों देशों के पत्रकारों के लिए वीजा प्रक्रियाओं को आसान बनाना चाहिए.

इससे दोनों ही विकासशील देशों को बहुत मदद मिलेगी. उन्होंने यह भी कहा कि भारत और चीन को BRICS और SCO यानी शंघाई सहयोग संगठन जैसे संगठनों को और विकसित करना चाहिए.

इस पर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस पर सहमति व्यक्त की और दोनों देशों के बीच हो रही प्रगति पर संतोष व्यक्त किया. साथ ही उन्होंने इन सहयोगों को तेजी से सामान्य बनाने पर जोर दिया.

उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच आम सहमति मतभेदों से कहीं ज्यादा हैं. बता दें कि अगले साल दोनों देशों के राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ भी मनाई जाएगी.

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