Home Latest भारत में 2050 तक 3.5 करोड़ बच्चे, कई मुसीबतों का करना होगा सामना; जानें UNICEF की रिपोर्ट ने क्यों डराया

भारत में 2050 तक 3.5 करोड़ बच्चे, कई मुसीबतों का करना होगा सामना; जानें UNICEF की रिपोर्ट ने क्यों डराया

by Divyansh Sharma
0 comment
Population In India 3.5 crore children 2050 UNICEF full report

Population In India: भारत में 2050 तक 3.5 करोड़ बच्चे होंगे. बच्चों को जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय खतरों जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है.

Population In India: भारत की जनसंख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. भारत में 2050 तक 3.5 करोड़ बच्चे होंगे. इन बच्चों को चरम जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय खतरों जैसी बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. यह पूरी दुनिया की बाल आबादी का 15 प्रतिशत हिस्सा होगा. इसमें चीन, नाइजीरिया और पाकिस्तान भी शामिल होंगे.

आज की तुलना में 106 करोड़ बच्चों की कमी

दरअसल, देश की राजधानी दिल्ली में UNICEF की प्रमुख रिपोर्ट ‘स्टेट ऑफ द वर्ल्ड्स चिल्ड्रन 2024: द फ्यूचर ऑफ चिल्ड्रन इन ए चेंजिंग वर्ल्ड’ को रिलीज किया गया.

इसमें साल 2025 तक वैश्विक मेगाट्रेंड, जनसांख्यिकीय यानी डेमोग्राफिक बदलाव, जलवायु संकट और नई टेक्नोलॉजी पर विस्तार से चर्चा की गई है.

रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में 2050 तक 350 मिलियन बच्चे होंगे. यह वैश्विक बाल आबादी का 15 फीसदी हिस्सा होगा. इसमें चीन, नाइजीरिया और पाकिस्तान भी शामिल होंगे.

हालांकि, रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि भारत में 2050 तक आज की तुलना में 106 करोड़ बच्चों की कमी आएगी. साथ ही उन बच्चों के लिए महत्वपूर्ण चुनौतियों भी सामने आएंगी.

रिपोर्ट के मुताबिक 2050 तक जलवायु परिवर्तन के कारण उन बच्चों को गर्मी का सामना भी करना पड़ेगा. साल 2000 की तुलना में आठ गुना अधिक बच्चों के चरम गर्मी के संपर्क में आने की उम्मीद है.

यह भी पढ़ें: आतंकियों को रोकने में नाकाम पाक! खैबर पख्तूनख्वा में फिर हमला; 12 सुरक्षाकर्मियों की मौत

AI बच्चों के लिए बन सकता है वरदान और खतरा

बता दें कि दुनिया भर में लगभग एक अरब बच्चे को लेकर पहले से ही जोखिम वाले जलवायु खतरों के संपर्क में आने की आशंका जताई जा रही है.

वहीं, भारत बच्चों के जलवायु जोखिम सूचकांक में 26वें स्थान पर है. ऐसे में भारत में बच्चों को अधिक गर्मी, बाढ़ और वायु प्रदूषण से गंभीर जोखिम का सामना करना पड़ता है. खासकर ग्रामीण और कम आय वाले समुदायों यह संख्या ज्यादा है.

रिपोर्ट के मुताबिक AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बच्चों के लिए वरदान और खतरा दोनों साबित हो सकता है. डिजिटल को लेकर बताया गया कि कम आय वाले देशों में केवल 26% लोग इंटरनेट से जुड़े हैं. वहीं, उच्च आय वाले देशों में यह 95 फीसदी से अधिक है.

इस रिपोर्ट को UNICEF के भारत के प्रतिनिधि सिंथिया मैककैफ्रे ने TIRI यानी द एनर्जी रिसर्च इंस्टीट्यूट की सुरुचि भड़वाल और UNICEF यूथ एडवोकेट कार्तिक वर्मा के साथ जारी किया.

यह भी पढ़ें: Delhi: गैस चेंबर बनी दिल्ली, करोड़ों लोगों की सांस पर संकट; सरकार ने जारी किया बड़ा निर्देश

Follow Us On: Facebook | X | LinkedIn | YouTube Instagram

You may also like

Leave a Comment

Feature Posts

Newsletter

Subscribe my Newsletter for new blog posts, tips & new photos. Let's stay updated!

@2024 Live Time. All Rights Reserved.

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?
-
00:00
00:00
Update Required Flash plugin
-
00:00
00:00