09 February 2024
उत्तराखंड नैनीताल जिले के हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में खराब हालात को देखते हुए कर्फ्यू लगा दिया गया और दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए हैं। एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। हिंसा बढ़ने पर हल्द्वानी की सभी दुकानें बंद कर दी गईं। कर्फ्यू लगने के बाद शहर और आसपास के कक्षा 1 से 12 तक के सभी स्कूल भी बंद कर दिए गए हैं।
पुलिस ने बताया कि घटना में 60 लोग घायल हुए हैं। घायलों में हल्द्वानी के एसडीएम भी शामिल हैं। अस्पताल में भर्ती कराए गए लगभग 60 लोगों में से ज्यादातर पुलिसकर्मी और नगरपालिका के कर्मचारी हैं, जो एक स्थानीय मदरसे की विध्वंस कार्रवाई में शामिल थे। पुलिस का कहना है कि पथराव करने वाले अराजक तत्वों की पहचान की जा रही है।
सीएम ने दिए सखती बरतने के आदेश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए राजधानी देहरादून में उच्च स्तरीय बैठक बुलाकर हालात की समीक्षा की। सीएम ने अधिकारियों को अराजक तत्वों से सख्ती से निपटने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने हल्द्वानी में पुलिस प्रशासन के अधिकारियों और कार्मिकों पर हुए हमले और इलाके में अशान्ति फैलाने की घटना को गम्भीरता से लिया। सीएम ने अधिकारियों को शान्ति और कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के सख्त निर्देश दिये। सीएम ने अपने आवास पर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार और अन्य उच्चाधिकारियों के साथ हालात की समीक्षा की। उन्होंने स्थानीय लोगों से शान्ति बनाये रखने की भी अपील की।
सीएम ने साफ कहा कि इस घटना के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही कर इलाके में शान्ति व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि प्रदेश में किसी को भी कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने की छूट नहीं दी जानी चाहिए।
क्या है पूरा मामला
बनभूलपुरा के इंदिरा नगर इलाके में बने “अवैध” मदरसे और मस्जिद को नगर निगम की टीम ने जेसीबी मशीन लगाकर ध्वस्त कर दिया। जिसके बाद इलाके में हालात बिगड़ गए। इस दौरान मौके पर नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय, सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह, उप जिलाधिकारी परितोष वर्मा समेत वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
जैसे ही कार्रवाई शुरू हुई, बड़ी तादात में महिलाओं समेत गुस्साए स्थानीय लोग कार्रवाई का विरोध करने के लिए सड़कों पर उतर आए। उन्होंने बैरिकेड तोड़ते हुए विध्वंस की कार्रवाई में लगे पुलिसकर्मियों के साथ बहस की। जैसे ही एक बुलडोजर ने मदरसे और मस्जिद को ढहाया, भीड़ ने पुलिसकर्मियों, नगर निगम कर्मियों और पत्रकारों पर पथराव शुरु कर दया। जिसमें 60 से ज्यादा लोग घायल हो गए। उसके बाद अराजक तत्वों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और फिर हल्का बल प्रयोग किया।
अधिकारियों ने बताया कि भीड़ ने पुलिस की गश्ती कार समेत कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया जिससे इलाके में तनाव बढ़ गया। देर शाम तक तनाव और बढ़ गया और बनभूलपुरा थाने में भी आग लगा दी गई, जिससे कस्बे में कर्फ्यू लगा दिया गया। इस दौरान, नैनीताल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रह्लाद मीणा की अगुवाई में भारी पुलिस बल तैनात रहा। मीणा ने बताया कि ध्वस्तीकरण की कार्रवाई अदालत के आदेश के मुताबिक की गई है।
नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय ने बताया कि ध्वस्त किया गया मदरसा और नमाज स्थल पूरी तरह से अवैध है। उन्होंने बताया कि इस स्थल के पास स्थित तीन एकड़ जमीन पर नगर निगम ने पहले ही कब्जा ले लिया था और अवैध मदरसे और नमाज स्थल को सील कर दिया था जिसे आज ध्वस्त किया गया है।